लखनऊ (मानवी मीडिया) प्रदेश के रोडवेज बेडे़ से 1500 'बूढ़ी' बसों को बाहर कर दिया गया है। सितंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच परिवहन निगम की डेढ़ हजार बसों काे फ्लीट से हटा दिया गया है। केंद्र सरकार की नई स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत इन उम्रदराज बसों को बेडे़ से हटाया गया है।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि स्क्रैप पॉलिसी के अंर्तगत 247 बसें 15 वर्ष या अधिक आयुसीमा की थीं, उन्हें पहले ही हटाया जा चुका है।
परिवहन मंत्री के मुताबिक, परिवहन निगम द्वारा यह 15 वर्ष या अधिक उम्र की बसों को केंद्र सरकार की नोडल संस्था, मेटल स्क्रैप ट्रेडिंग कारपोरेशन (एमएसटीसी) द्वारा रजिस्टर्ड रीजनल वेहिकिल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ), स्क्रैपिंग सेंटर के मध्य टेंडर से नीलाम किया जाएगा।
स्क्रेपिंग सेंटर में नीलाम की जाने वाली बस प्राप्त होने के उपरांत सर्टिफिकेट ऑफ डिपाजिट मिलेगा, जिसे प्रस्तुत करने पर परिवहन निगम, अन्य किसी राजकीय संस्था या अन्य वाहन स्वामियों जिसके वाहन नीलाम हो रहे हैं, को नई बस या वाहन क्रय करने पर रोड टैक्स में छूट मिलेगी। इस स्क्रैप पॉलिसी से सर्कुलर अर्थव्यवस्था को विकास की गति मिलेगी। साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषण से मुक्त होगा।