लखनऊ (मानवी मीडिया) संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान अब टीबी मरीजों की तलाश करेगा। जिससे प्रधानमंत्री का सपना 2025 तक देश को टीबी रोग से मुक्त करने को पूरा किया जा सके। पीजीआई की मीडिया प्रभारी कुसुम यादव ने बताया कि विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर माइक्रोबायोलॉजी और पल्मोनरी मेडिसिन विभागों द्वारा एक जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है।
संपूर्ण कार्यक्रम की रूपरेखा संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन के मार्गदर्शन में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आलोक नाथ और माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डाक्टर रिचा लाल द्वारा तैयार की गई है। अभियान की शुरुआत 14 मार्च को संजय गांधी पीजीआई के आसपास के कुछ गांवो जैसे सभा खेड़ा, बाबू खेड़ा, अमोल, रैदास खेड़ा, गजरियन खेड़ा और कल्ली पश्चिम में सक्रिय क्षय रोग खोज और ग्राम दत्तक ग्रहण अभियान का प्रारंभ किया जाएगा।
इस अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता चयनित क्षेत्र में प्रत्येक घर जाकर संदिग्ध टीबी मरीजों की खोज करेंगे। निदान पोषण योजना के अंतर्गत समस्त चिन्हित और उपचारित क्षय रोगियों को 500 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रत्येक टीबी मरीज को अपना बैंक खाता संख्या और आधार कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे