लखनऊ के गोमती नगर स्थित बौद्ध संस्थान में आयोजित होली मिलन समारोह कार्यक्रम में कार्यक्रम संयोजक दिनेश खरे ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमने समाज की समितियों की सीमा तोड़ते हुए सभी को एकजुट करने का प्रयास किया है। हम सभी अब आगे से वार्ड स्तर पर कमेटी बनाकर 6० वर्ष के अधिक वृद्धजनों को सप्ताह में एक बार मिलकर उनका ध्यान रखंेगे और सुबह-शाम संदेश भ्ोजकर हालचाल लेंगे। जबकि पूर्व आईएस व मुख्य सचिव रहे आलोक रंजन ने कहा कि आज जरूरत है कि समाज के लोग एक-दूसरे का साथ दें और ऐसे लोगों की मदद करें जो पढèना चाहते हैं लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर हैं। उन्होंने सिविल सेवाओं में कायस्थो ंकी घटती संख्या पर भी चिंता जतायी। श्री रंजन ने कहा कि कायस्थ समाज सबसे शिक्षित वर्ग से जुड़ा है, हमें अपने गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेनी होगी।
इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि संख्याबल ही आज की तारीख में सबसे बड़ी ताकत हैं। हमें एकजुट होना होगा और एक स्वर में अपनी किसी मांग को रखना होगा तभी वह पूरी होगी। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज एक -दूसरे की मदद नहीं करता है, यह बड़ी विडंबना है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक बेटी पैसे की तंगी के चलते दो वर्ष से मेडिकल की परीक्षा पास करने के बावजूद एडमीशन नहीं ले सकी। मेरे प्रयासों के बावजूद किसी कायस्थ संगठन ने मदद नहीं की। हालांकि किसी अन्य न उसकी मदद कर इस बार प्रवेश दिलाया। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि यह सोच बदलनी होगी कि मैं क्योंं करूं। मुझसे क्या मतलब, हम क्या करें, हम क्यों करें। आप को खड़े होना पड़ेगा। इस मौके पर जस्टिस सुधीर सक्सेना ने कहा कि कायस्थ समाज अपने अतीत में ही रहते हुए खुश रहता है जबकि उसका वर्तमान बिगड़ रहा है। हमें वर्तमान को संजोना है वरना आने वाली पीढ़ी को बहुत पछताना पड़ेगा। पूर्व आईपीएस उमेश श्रीवास्तव ने कहा कि आगे आने वाले समय में नगर निगम और लोकसभा चुनाव होने हैं हमें पूरे समाज को एकजुट होकर किसी प्रत्याशी की मांग करनी चाहिए।इस मौके पर संजीव वर्मा, डा. ज्योत्सना श्रीवास्तव, बलदाऊ श्रीवास्तव, विभा श्रीवास्तव, नीलम श्रीवास्तव, डा. अलका सक्सेना, रंजना श्रीवास्तव आदि ने भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ विचारक मनीष हिंदवी ने किया।