लखनऊ (मानवी मीडिया)मंत्रिपरिषद ने ‘निषादराज बोट सब्सिडी योजना’ के क्रियान्वयन से सम्बन्धित दिशा-निर्देशों को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
‘निषादराज बोट सब्सिडी योजना’ के माध्यम से मछुआ समुदाय एवं मत्स्य पालकों को बिना इंजन की नाव (नॉन मोटराइज्ड), जाल, लाइफ जैकेट एवं आइसबॉक्स आदि के क्रय हेतु आर्थिक सहायता के रूप में 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। यह योजना मछुआ समुदाय व मत्स्य पालकों को जलाशयों, तालाबों, नदियों एवं अन्य जलसंसाधनों में मत्स्याखेट एवं मत्स्य प्रबन्धन व संरक्षण में सहायक होगी तथा इससे उन्हें मत्स्य पालन से संबंधित जलक्षेत्रों में अवैध शिकारमाही की रोकथाम व उसको नियंत्रित करने में सहायता प्राप्त होगी। इसके अतिरिक्त जलक्षेत्र की मत्स्य सम्पदा सुरक्षित व संरक्षित रखने में सहायक होगी।
ऽ यह योजना पांच वर्षों (वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक) के लिए संचालित की जायेगी। इस योजना के संचालन की पूर्ण अवधि में कुल 44.425 करोड़ रुपये का व्यय भार सम्भावित है। योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 3000 लाभार्थियों को एवं पांच वर्षों में 15000 लाभार्थियों को आच्छादित किये जाने का लक्ष्य है।
ऽ योजना से मत्स्य पालकों व मछुआ समुदाय की आय में वृद्धि होगी तथा उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाये जाने में सहायता प्राप्त होगी। कृषकों की आय दोगुनी किये जाने में भी योजना सहायक होगी।