उन्होंने सम्राट अशोक की जयंती पर देश व प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं देते हुए चक्रवर्ती सम्राट अशोक के व्यक्तित्व ,कृतित्व व उनके जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला । मौर्य ने कहा कि सम्राट अशोक विश्व प्रसिद्ध एवं शक्तिशाली, भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक बौद्ध धर्म को संरक्षण देने वाले प्रतापी राजा थे । सम्राट अशोक प्राचीन मौर्य वंश के तीसरे शासक थे। पाटलिपुत्र नामक स्थान पर जन्म लेने के बाद उन्होंने अपने राज्य को पूरे अखंड भारत वर्ष में फैलाया ।वह अर्थशास्त्र और गणित के महान ज्ञाता थे ।सम्राट अशोक ने शिक्षा के प्रचार के लिए स्कूल और कालेजों की स्थापना की व शिक्षा के क्षेत्र में कई महान कार्य किये। उन्होंने बौद्ध धर्म के मानव वादी दर्शन को पूरे भारत और एशिया में फैलाने का कार्य किया। तथागत बुद्ध के उपदेशों के बल पर दुनिया भर का हृदय जीता । वह बौद्ध धर्म के सुप्रसिद्ध प्रचारक बने। कलिंग युद्ध में हुई क्षति तथा नरसंहार से उनका मन युद्ध से ऊब गया और वह अपने कृत्य को लेकर व्यथित हो उठे। इस शोक से उबरने के लिए वह बुद्ध के उपदेशों के करीब आते गए और अंत में बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया और इस धर्म का प्रचार किया ।उन्होंने मानव के प्रति दया भाव रखने का संदेश दिया।
मौर्य ने कहा भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बौद्ध धर्म को सम्मान देते हुए पंचतीर्थ को विकसित कराने का कार्य किया। इस अवसर पर श्री मौर्य ने, प्रधानमंत्री जी के
यू0 एन0 में वैश्विक मंच से शान्ति का सन्देश देने वाले वक्तव्य का उल्लेख भी किया, जिसमें प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि हम उस देश के वासी हैं, जिसने दुनिया को "बुद्ध " दिया,युद्ध नहीं दिया ।