लखनऊ (मानवी मीडिया) आउटसोर्सिंग के तहत अस्पतालों में तैनात कर्मियों के ईपीएफ का करोड़ो रुपए घोटाला कुछ दिन पहले ही सामने आया था। जिसके बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद भी सेवा प्रदाता एजेंसियां अपनी मनमानी पर उतारू है । अब इस मामले में ईपीएफ आयुक्त से शिकायत से शिकायत हुई है।
दरअसल, अभी कुछ दिन पहले ही ईपीएफ मामले में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, लेकिन सेवा प्रदाता फर्म मानने को तैयार नहीं हैं। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग में अनुबंधित लखनऊ की सेवा प्रदाता फर्म विवान पार्थ इंडिया प्रा लि जानकी पुरम द्वारा करोड़ो रुपए ईपीएफ आउटसोर्स कर्मियों का गबन कर लिया गया।
फर्रुखाबाद के चिकित्सालयों में इस कंपनी द्वारा लगभग 170 कर्मचारी विभिन्न पदों पर कार्यरत है। जब कर्मचारियों ने अपना ईपीएफ पासबुक डाउनलोड किया तो पता चला कि वर्ष 2020 से कोई पैसा जमा नहीं है । संयुक्त स्वास्थ आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश नेतृत्व को जानकारी होने पर महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के इपीएफ कमिश्नर को शिकायती पत्र भेजकर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने बताया कि आउटसोर्सिंग में यह व्यवस्था है कि जब सेवा प्रदाता द्वारा कर्मचारियों को एक माह का वेतन भुगतान तथा ईपीएफ की राशि जमा करके पीएफ जमा की रसीद ई सी आर विभाग को दिया जाएगा तभी सेवा प्रदाता फर्म को बिल भुगतान किया जाएगा, लेकिन वर्षों तक ईपीएफ जमा नहीं करने के बाद विभाग के अधिकारी किस प्रकार से सेवा प्रदाता फर्म को भुगतान कर रहे हैं इसमें विभाग के अधिकारियों की भी संलिप्तता हो सकती है।
अभी हाल ही में ईपीएफ के करोड़ों रुपए घोटाले के मामले में उप मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा निर्देश जारी किया गया था, लेकिन इसका भी असर नहीं हो रहा है। इसके अलावा लखनऊ की सेवा प्रदाता फर्म रामा इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड जो कि एसजीपीजीआई सहित प्रदेश के कई जिलों में मानव आपूर्ति का कार्य कर रही है उसका भी जनपद कासगंज में 50 कर्मचारियों का ई पी एफ जमा नहीं हो रहा है। रामा इन्फोटेक प्रदेश की बड़ी सेवा प्रदाता फर्मों में से एक है।
संविदा कर्मचारी संघ की ओर से शिकायती पत्र भेजकर इ पी एफ कमिश्नर से इन सेवा प्रदाताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। संविदा कर्मचारी संघ के पास कर्मचारियों के पासबुक के प्रति मौजूद है, जिसको पत्र के साथ संलग्न किया गया है।