नई दिल्ली (मानवी मीडिया) भारत के अन्न भंडार पर दूसरे देशों की निर्भरता लगातार बढ़ रही है। सबसे अधिक बासमती चावल, प्रसंस्कृत सब्जियां एवं ताजे फल की मांग है। साथ ही मांस, मोटे अनाज, मक्का एवं मूंगफली का भी निर्यात किया जा रहा है। कृषि एवं प्रसंस्करण खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने चालू वित्तीय वर्ष में तीन हजार करोड़ डालर मूल्य के खाद्य पदार्थों के निर्यात का लक्ष्य रखा है, जो लगभग पूरा होने जा रहा है।
150 से अधिक देशों में भारतीय खाद्य पदार्थों का निर्यात
अभी डेढ़ सौ से अधिक देशों में भारत के खाद्य पदार्थों का निर्यात किया जा रहा है। पिछले सप्ताह दिल्ली में मिलेट सम्मेलन के बाद से मोटे अनाजों से बने उत्पादों की मांग में तेजी आई है। एपीडा ने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान ढाई हजार करोड़ डालर से ज्यादा मूल्य के खाद्य पदार्थों का निर्यात किया था।
इसके पहले एपीडा ने कभी इतने बड़े पैमाने पर खाद्य पदार्थों का निर्यात नहीं किया था। भारतीय खाद्य पदार्थों के विदेश में कद्र से उत्साहित एपीडा ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए तीन हजार करोड़ डॉलर मूल्य के निर्यात का लक्ष्य रखा है, जिसे पूरा हो जाने की संभावना है। भारतीय खाद्य पदार्थों का बड़ा आयातक ब्रिटेन है।