लखनऊ (मानवी मीडिया) अब अगर स्कूली वाहनों में ओवरलोडिंग हुई या अन्य मानकों की अनदेखी हुई तो पुलिस की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) कानून एवं व्यवस्था पीयूष मोर्डिया ने शुक्रवार को सभी जोन के डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी व थाना प्रभारियों समेत सभी स्कूल प्रबंधनों को लिखित आदेश जारी कर दिया है।
पीयूष मोर्डिया ने बताया कि अधिकांशत: देखा जाता है कि वैन, जीप, ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, टेम्पो आदि वाहनों में स्कूली बच्चों को लाते-ले जाते वक्त मानकों का उल्लंघन किया जाता है। सीट क्षमता से अधिक बच्चों को ठूंस-ठूंस कर बिठाया जाता है। कई बार तो अतिरिक्त बेंच लगाकर बच्चों को बिठाया जाता है। जिसके कारण अप्रिय घटनाएं होती हैं और बच्चे दुर्घटना का शिकार होते हैं। सभी स्कूल प्रबंधक और अभिभावक इसे सुनिश्चित करें कि जिन वाहनों से बच्चे स्कूल आ-जा रहे हों, वे वाहन सभी मानकों को पूरा करते हों।
चालक को कम से कम पांच साल का अनुभव, कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी न हो
जेसीपी ने बताया कि स्कूली वाहन चलाने वाले चालक को कम से कम पांच वर्ष का वाहन चालन का अनुभव होना अनिवार्य है। साथ ही उसके खिलाफ कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड न हो। वाहन में हॉरिजोंटल ग्रिल, आग बुझाने के उपकरण, फर्स्ट ऐड बॉक्स आदि होना अनिवार्य है। वाहन चालक नशे का आदी न हो।
वाहन चालक अवहेलना करें तो यूपी-112 को करें शिकायत
जेसीपी ने बताया कि स्कूली वाहनों के मानकों के संदर्भ में सभी स्कूल प्रबंधक, स्कूली वाहन चालकों और अभिभावकों के साथ बैठक कर इन्हें सुनिश्चित करें। वहीं अगर कोई स्कूली वाहन चालक मानकों की अनदेखी कर रहा है तो उसके संदर्भ में यूपी-112 पर कॉल करके पुलिस को शिकायत करें। कार्रवाई की जाएगी।