लखनऊ (मानवी मीडिया) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित लाभार्थियों को योजना से जोड़ा जाएगा। जिनके आवेदन करने के बाद स्वीकृत नहीं हुए या फिर जो लाभ पा रहे वह नई प्रक्रिया के तहत आधार लिंक, भूलेख अंकन या ई-केवाई आदि न होने के कारण योजना से बाहर हैं। सरकार ने 13वीं किस्त जारी करने से पहले इस तरह की खामियां सुधारने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 10 से 31 मई तक गांव-गांव व्यापक 'पीएम किसान लाभार्थी संस्तृप्तिकरण अभियान' चलेगा। जिसमें लाभार्थियों को जोड़कर बैंक खाते आधार से लिंक किए जाएंगे। क्योंकि अब गेटवे पेमेंट से धनराशि खातों में भेजी जाएगी। नए आवेदन भी लिए जाएंगे। शासन ने सभी जिलाधिकारी को निर्देश जारी कर दिए हैं।
डाकघर के रहेंगे अधिकारी, मौके पर होगा भूलेख सत्यापन
जिलाधिकारी के नेतृत्व में राजस्व विभाग, ग्राम्य विकास, पंचायती राज व कृषि विभाग काम करेगा। जिसमें कृषि विभाग नोडल होगा। शिविर में डाकघर के अधिकारी भी रहेंगे। जो किसानों का 100 रुपये डाकघर में खाता खोलते हुए मौके पर लिंक करेंगे। साथ ही मौके पर भूलेख सत्यापन कर लाॅगइन पर अपलोड करेंगे। जरूरत पड़ने पर अभियान बढ़ाया भी जाएगा।
इन खामियों को दूर करेगा विभाग
- जिन किसानों ने आवेदन नहीं किए उनसे लिए जाएंगे
- ओपेन सोर्स यानी खुद से किए गए आवेदन स्वीकृत न होना या किसी कारण लंबित होना
- स्वीकृत आवेदनों का भूलेख अंकन न होने के कारण आगे की किस्तें न मिलना
- भूलेख का सत्यापन होने के बाद भी बैंक खाता आधार से लिंक न होना