लखनऊ: (मानवी मीडिया) देश और प्रदेश में रमजान से पहले एक बार फिर लाउडस्पीकर को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने शासन को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि कई जिलों से शिकायत आ रही हैं कि निर्धारित आवाज के बावजूद मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे जा रहे हैं। आयोग के इस पत्र के बाद मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि न्यायालय और यूपी शासन के पैमानों पर मुसलमान अमल कर रहा है। फिर भी अगर ऐसी शिकायत आ रही हैं तो, सरकार इस पर गंभीरता दिखाए।
दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने एक बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने जो पत्र लिखा है। वो रमजान के ताल्लुक से बुनियादी बातें हैं। मौलाना ने कहा कि मस्जिद और दरगाहों में मानक के मुताबिक लाउडस्पीकर इस्तेमाल हो रहे हैं। अगर उसके बावजूद किसी जिले से ऐसी शिकायत आ रही हैं तो उत्तर प्रदेश शासन को गंभीरता से लेते हुए इसको जमीन पर उतारने की जरूरत है। क्योंकि रमजान के महीने में बड़ी संख्या में मुसलमान इबादत करता है।
23 या 24 से शुरू होगा रमजान
मुस्लिम धर्म में रमजान महीने का विशेष महत्व माना गया है। वहीं इस महीने की गिनती सबसे पाक महीने में होती है। बता दें कि 23 या 24 मार्च को चांद के दीदार के साथ रमजान महीने की शुरुआत होगी। 22 मार्च की शाम को माह-ए-रमजान का चांद का दीदार देखा जाएगा। अगर चांद नजर आया तो 23 मार्च से रमजान महीने की शुरुआत हो जाएगी। वरना 24 मार्च से रमजान का महीना शुरू होगा। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक इस बार रमजान का रोजा करीब साढ़े 13 घंटे से लेकर साढ़े 14 घंटे तक रखना पड़ेगा।