लखनऊ (मानवी मीडिया) अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा विश्व पालि दिवस के उपलक्ष्य में सर्वपंथीय धम्म सम्मेलन का आयोजन आज दिनांक 30 मार्च, 2023 को संस्थान परिसर में किया गया। इस कार्यक्रम का आरंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर बुद्ध वंदना तथा भगवान बुद्ध पर आधारित भजनों को अत्यधिक सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया। यह सर्वपंथीय धम्म सम्मेलन दो सत्रों में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में स्वतंत्र देव सिंह , मंत्री, जल शक्ति, उत्तर प्रदेश सरकार, जयवीर सिंह जी, मंत्री, संस्कृति एवं पर्यटन, उत्तर प्रदेश सरकार, डॉ महेंद्र सिंह , सदस्य विधान परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार, माननीय डॉ लालजी प्रसाद निर्मल, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम उपस्थित हुए।
यह सम्मेलन भदंत शांति मित्र , अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में भदंत शांति मित्र, स्वतंत्र देव सिंह जयवीर सिंह डॉ महेंद्र सिंह डॉक्टर लाल जी प्रसाद निर्मल, प्रोफेसर गुरचरण सिंह, संयोजक, बौद्ध दर्शन पाली विभाग, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, लखनऊ, प्रोफेसर डॉ0 अभय कुमार जैन, उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान, सरदार मंजीत सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय सिख संगत समाज, कपिल देव केसरी, संतपति स्वामी शिवनारायण पंथ, संस्थान के सदस्य भदंत आर्यवंश, भिक्षु शील रतन, भिक्षु देवानंद वर्धन, भिक्षु धम्मानंद विवेचन, भिक्षु डॉक्टर के सिरी० सुमेध थेरो, श्री धर्मराज मौर्य, तरुणेश , बहाई धर्म से भारती गाँधी संस्थापक सी0एम0एस0, अरुणेश , महर्षि महेश योगी संस्थान, डॉक्टर राकेश सिंह, निदेशक, बौद्ध संस्थान, डॉक्टर धीरेंद्र सिंह आदि विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए। अपने अध्यक्षीय भाषण में अध्यक्ष संस्थान भदंत शांति मित्र जी ने बताया कि प्रदेश के 75 जनपदों के प्रत्येक गांव गांव में बौद्ध भिक्षुओ की समितियां प्रधानमंत्री, मोदी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी के सपनों को साकार करने में, भारत को विश्व गुरु बनाने में, सभी पंथो में एकता स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं, आपने कहा कि भगवान बुद्ध के मौलिक संदेश पाली भाषा में है जिसका अनुवाद अनेक अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में किया जा रहा है।
माननीय जल शक्ति मंत्री, स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि बौद्ध संस्थान वसुधैव कुटुंबकम की भावना लेकर निरंतर प्रगतिशील है। आपने भगवान बुद्ध के संदेश अप्प दीपो भवः को अपनाने पर बल दिया तथा शांति को विकास का आधार बताया। माननीय मंत्री, संस्कृति एवं पर्यटन, जयवीर सिंह ने बताया कि सर्वपंथ के मार्ग पर चलकर समाज में सामाजिक समरसता एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ाकर वर्तमान सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास के लिए कार्य कर रही है आपने भारत की सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रख कर उस पर शोध कर सभी पंथों के विकास पर बल दिया। डॉ० महेंद्र सिंह ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत को नदियों का उदाहरण देकर समझाया तथा बताया कि सभी पंथों के विचार भिन्न हो सकते हैं लेकिन सब का रास्ता एक ही है। प्राकृतिक शक्तियां किसी भी पंथ से कोई मतभेद नहीं करती हैं बल्कि समान रूप से वितरण करती हैं इसके साथ ही बौद्ध धर्म के सिद्धांत अष्टांगिक मार्ग, दस शील, चार आर्य सत्य को अपनाने पर भी आपने बल दिया माननीय डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि हमारे सभी पंथ मानव कल्याण की बात करते हैं तथा एक ईश्वर में विश्वास करते हैं संस्थान के सदस्य डॉक्टर के सिरी सुमेध थेरो ने बताया कि पालि भाषा ने बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार में महान योगदान दिया है आपने कहा कि भगवान बुद्ध का संदेश बहुजन हिताय बहुजन सुखाय की बात करता है। प्रोफेसर (डॉ0) अभय कुमार जैन ने पालि भाषा के साथ ही प्राकृत भाषा पर भी विस्तार से प्रकाश डाला, आपने कहा कि प्रकृति के द्वारा जो मुख से निकले वही प्राकृत है, प्राकृत भाषा को देव लिपि भी कहा जाता है। संस्थान के निदेशक डॉ राकेश सिंह ने संस्थान की गतिविधियों पर संक्षिप्त रूप से प्रकाश डालते हुए बताया कि संस्थान पालि भाषा के विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील है इसके लिए संस्थान द्वारा स्नातक स्तर की कक्षाएं चलाई जा रही है तथा साथ ही शोध कार्य को बढ़ावा दिया जा रहा है। अंत में निदेशक संस्थान डॉ0 राकेश सिंह ने आए हुए अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।