(मानवी मीडिया) केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ ममता सरकार ने सोमवार (13 मार्च) को अहम कदम उठाया. तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के खिलाफ विधानसभा में नियम 185 के तहत प्रस्ताव पेश किया. ये प्रस्ताव विधानसभा में पारित हो गया. विपक्षी नेताओं पर ईडी (ED) और सीबीआई (CBI) के छापे को लेकर टीएमसी लगातार बीजेपी पर हमलावर है. बीते कुछ महीनों में टीएमसी के कई नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियों ने अलग-अलग मामलों में शिकंजा भी कसा है.
ईडी और सीबीआई की कार्रवाई से नाराज टीएमसी केंद्र सरकार पर एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का आरोप लगा रही है. तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं पर भी कार्रवाई की मांग की है. टीएमसी ने रविवार को मांग की थी कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) नौकरी घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष को भी इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में लाया जाए.
भर्ती घोटाले में बीजेपी नेताओं पर कार्रवाई की मांग की
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था कि अधिकारी जब टीएमसी के साथ थे, तो उन्होंने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप डी के कर्मचारियों के तौर पर 100 से अधिक व्यक्तियों को नौकरी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनमें से कई की हाई कोर्ट के आदेश पर छंटनी हो चुकी है. बीजेपी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि टीएमसी डर रही है क्योंकि भर्ती घोटाले में हर दिन उसके और नेताओं की मिलीभगत सामने आ रही है.
केंद्रीय एजेंसियों पर लगाया ये आरोप
टीएमसी के प्रदेश महासचिव ने कहा था कि हम चाहते हैं कि पूरी सच्चाई सामने आए, हम जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करेंगे और अगर टीएमसी से जुड़ा कोई भी व्यक्ति शामिल पाया जाता है तो कानून को अपना काम करने दें. उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों पर बीजेपी नेताओं के प्रति 'तरजीही व्यवहार' अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि अगर जांच व्यापक दायरे में आती है तो इससे जांच में मदद मिलेगी.