लखनऊ (मानवी मीडिया) यूपी संयुक्त निर्माण मजदूर मोर्चा ने मंडी परिषद में बीओसीडब्ल्यू भवन के बाहर भूख हड़ताल की। भूख हड़ताल में कई मजदूर संगठनों ने हिस्सा लिया। मजदूरों ने लेबर अड्डा, निर्माण श्रमिकों की पेंशन, पेंडिंग वेलफेयर भुगतान, आधार सत्यापन, श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन समेत 11 मांगों को लेकर धरना दिया। उन्होंने कहा कि कल को हमारे साथ कुछ होता है तो परिवार को कौन देखेगा। हमारे बच्चों को ना अच्छी शिक्षा मिल पा रही है, ना अच्छा खाना।
5 साल पहले सोलर लाइट का पैसा जमा किया था
चिनहट के अर्जुन विश्वकर्मा ने बताया कि पिछली सरकार में 250 रुपए जमाकर सोलर लाइट वितरित होती थी। मेरा लगभग 5 साल से सोलर लाइट वाला अंशदान जमा है। आज तक उसका कोई अता पता नहीं। अधिकारियों से बात करने पर वो टाल देते हैं। ई श्रम कार्ड बना था। वो चुनाव के लिए बस लॉलीपॉप था। बस एक दो बार महिलाओं को 500 रुपये दे दिए। उसके बाद कुछ नहीं।
दीनू साहू बोले, “क्या यही है सबका साथ सबका विकास"
राज मिस्त्री दीनू साहू ने भी अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि लेबर अड्डे पर जितने मजदूर जाते हैं, सबको काम नहीं मिलता है। इसलिए सरकार और जितने भी श्रमिक बोर्ड हैं, वो हमारे पक्के रोजगार के लिए योजना बनाएं। हमारा लेबर अड्डा कहा हैं? बारिश में गर्मी में हम तड़प रहे हैं। हम एक–एक वोट देकर राजा बनाते हैं। लेकिन हम तो राज ही नहीं कर रहे। ये कैसा सबका साथ सबका विकास है?
पिछली सरकार की योजनाएं हो रहीं खत्म
छत्तीसगढ़ की पूनाराम साहू ने कहा ये सरकार पिछली सरकार की योजनाओं को खत्म कर रही है। जो बची हैं वो ठीक तरह से हम तक नहीं पहुंच रही हैं। हमारे नई श्रमिक कार्ड नहीं बन रहे। लेबर अड्डा चिन्हित नहीं हो रहा। अब हम लोग सुबह काम पर जाने के लिए इकठ्ठा हाेते हैं तो पुलिस हमें भगाती है। हम लोग रोज कमाओ, रोज खाओ वाले लोग हैं। आज मजबूरन यहां हड़ताल करनी पड़ी। जिससे हमारा आज का रोजगार भी चला गया।