लखनऊ (मानवी मीडिया) एरिक गार्सेटी का भारत में अमेरिका के नए राजदूत बनाए जाने का भारतीय और अमेरिकी स्वागत करते हैंवाशिंगटन, डी.सी.
इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC), एरिक गार्सेटी को भारत में अमेरिकी राजदूत बनाए जाने का जोरदार स्वागत करता है. इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, वाशिंगटन डी.सी स्थित एक ऐसा समूह है जो भारत के बहुलवादी और सहनशील आचार-व्यवहार का हिमायती है और उसकी बेहतरी के लिए समर्पित है.
लगभग दो साल के इंतज़ार के बाद सीनेट में लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी को राजदूत बनाने के पक्ष में 52-42 वोट मिले. इससे पहले गार्सेटी भारत के राजदूत के रूप में ह्यूमन राइट्स वॉच के बोर्ड में भी थे। हमें विश्वास है कि वो भारत में अमेरिका के एक बेहतरीन प्रतिनिधि साबित होंगे।
गार्सेटी का राजनीति और पब्लिक सर्विस में एक लंबा अनुभव रहा है और यही कारण है कि उन्हें इस अहम राजनयिक पद के लिए एक आदर्श उम्मीदवार के तौर पर देखा गया. हमें विश्वास है कि उनका नेतृत्व, सार्वजनिक सेवा और मानवाधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, भारत में महत्वपूर्ण और उपयोगी साबित होगी. भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के बड़े पैमाने पर हो उत्पीड़न और नरसंहार के खतरे को कम करने में गार्सेटी का अनुभव काम आएगा.
गार्सेटी ने 2021 में सीनेट की विदेश समिति को कहा था, "मानवाधिकार और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाएं, हमारी रणनीतिक साझेदारी और हमारे संविधानों में निहित मूल्यों के प्रमुख तत्व हैं. और अगर तय किया जाता है तो मैं इन पर भारत सरकार के साथ गंभीरता से नियमित रूप से काम करूँगा.” उन्होंने यह भी कहा था कि उनके एजेंडे में भारत में मानवाधिकार और भेदभावपूर्ण नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) सबसे ऊपर रहेगा.
IAMC के कार्यकारी निदेशक रशीद अहमद का कहना है कि “भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में गार्सेटी की नियुक्ति एक बड़ी ज़िम्मेदारी के साथ आई है. जिसमें मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के मूल्यों को बढ़ावा दिलाने का काम अहम है. यह बाइडेन प्रशासन के लिए भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ खड़े होने और उनके खिलाफ हो रहे अत्याचारों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से जवाबदेही मांगने का समय है.”
रशीद अहमद ने ये भी कहा कि "हमें उम्मीद है कि राजदूत गार्सेटी अपने वादों पर खरा उतरेंगे और अपने कार्यकाल के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे.”
IAMC राजदूत गार्सेटी के साथ, भारत और अमेरिका दोनों देशों में भारतीय धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर काम करने के लिए तत्पर है.