लखनऊ (मानवी मीडिया) उपभोक्ताओं को समय से बिजली बिल नहीं मिलने का मामला सीएम तक पहुंच गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर सभी कंपनियों के प्रबंध निदेशकों से पत्र लिखा है कि उपभोक्ताओं को हर महीने समय से बिजली बिल मिले यह सुनिश्चित किया जाए। दरअसल, एक दिन पहले पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने सभी डिस्कॉम के अधिकारियों को एक दिन पहले पत्र लिखकर फटकार लगाई थी। इसमें सीधे- सीधे बिल बनाने वाली कंपनियों की जिम्मेदारी तय करने को कहा गया था। यह भी कहा गया कि इसके साथ - साथ स्थानीय स्तर पर इसके लिए जेई, एसडीओ और एक्सईएन को भी जिम्मेदार ठहराना चाहिए। उनके खिलाफ भी लापरवाही पर कार्रवाई होनी चाहिए।
जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्यवाही तय हो
यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने अपने आदेश में कहा है कि उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर देने के लिए कई बार स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। उसके बाद भी इस प्रकार की शिकायत प्राप्त हो रही है कि उपभोक्ताओं को रीडिंग आधारित बिल प्राप्त नहीं हो रहें हैं। बिल नियमित रूप से हर माह प्राप्त नहीं होते हैं,बिल की धनराशि अत्यधिक है। यह भी शिकायत प्राप्त हो रही है कि बिल रिवीजन के मामलों में भी समय से कार्रवाई नहीं की जाती है।
मीटर रीडिंग का कार्य निजी एजेंसी से कराए जा रहे हैं परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि बाकी अधिकारियों की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है। उपभोक्ताओं को समय से सही बिल देने की पूर्ण जिम्मेदारी इन सभी की है और इनकी जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
बिल रिवीजन की प्रक्रिया ऑनलाइन ही हो
उन्होंने कहा कि बिल रिवीजन की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाते हुए व्यवस्था की गई है। यदि कोई उपभोक्ता ऑनलाइन के माध्यम से बिल रिवीजन की शिकायत दर्ज नहीं करा पाते हैं तो उनकी लिखित शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित खंड के अधिकारी के द्वारा उसे ऑनलाइन दर्ज कराते हुए आगे की कार्यवाही की जाए। यह देखने में आ रहा है कि अभी भी कई खंडों में पूर्व की भांति बिल रिवीजन की कार्यवाही (डब्लूएसएस में बिना पंजीकृत कराते हुए) ऑफलाइन की जा रही है।