सीबीआई के सीनियर अधिकारी ने बताया कि भारत के लिए नोडल एजेंसी होने के नाते सीबीआई दूसरे देशों के नेशनल सेंट्रल ब्यूरो से संपर्क साधती है, जिसके आधार पर एक्शन लिया जाता है। आपरेशन के दौरान उन्होंने बताया कि इस साल 6 क्रिमिनल्स को प्रत्यर्पित किया गया है।
इंटरपोल के मुताबिक, भारतीय एजेंसियां वैश्विक स्तर पर 276 भगोड़ों की तलाश कर रही हैं। दूसरी ओर, सीबीआई ने राजीव गांधी राष्ट्रीय शिशु सदन योजना के संचालन में हुईं वित्तीय अनियमितताओं की जांच अपने हाथ में ले ली है। इस योजना में भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्लयू) एक कार्यान्वयन एजेंसी थी। महिला व बाल विकास मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
वांटेड मोहम्मद हनीफ मक्कत को सऊदी अरब से हाल ही में प्रत्यर्पित किया गया है। उसे रविवार को ही भारत वापस लाया गया। 2006 में करीम नाम के व्यक्ति के अपहरण और हत्या मामले में मक्कत के खिलाफ रेड नोटिस जारी था। केरल में कोझिकोड के कुन्नमंगलम पुलिस स्टेशन में इसे लेकर केस दर्ज किया गया था। इससे पहले इंटरपोल के रेड नोटिस से पता चला था कि वांछित आरोपी सऊदी अरब में था। इंटरपोल सऊदी अरब ने आरोपी के ठिकाने की जानकारी दी थी। साथ ही उसे प्रत्यर्पित करने के लिए भारत से टीम भेजने की अपील की थी। वांटेड आरोपी को केरल पुलिस की टीम वापस लेकर आई।
7 मार्च को सीबीआई ने पर्ल्स ग्रुप के डायरेक्टर हरचंद सिंह गिल को गिरफ्तार किया, जिन्हें करोड़ों रुपए के पोंजी घोटाले के सिलसिले में फिजी से डिपोर्ट किया गया था। गिल के खिलाफ इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया था। ऑफिसर ने बताया कि वे विभिन्न देशों में छिपे फरार आरोपियों को लेकर दूसरे देशों की नोडल एजेंसियों के साथ तालमेल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई मामले अभी लंबित हैं और जल्द ही कुछ और फरार आरोपियों को प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा।