शिक्षा विभाग में 23 साल से नौकरी कर रहा शिक्षक बर्खास्त - मानवी मीडिया

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Wednesday, March 29, 2023

शिक्षा विभाग में 23 साल से नौकरी कर रहा शिक्षक बर्खास्त


यूपी  (
मानवी मीडियाबलिया जिले में जन्मतिथि में हेरफेर कर 23 साल से अधिक समय से स्कूल में नौकरी कर रहे शिक्षक को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया है। उसने अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से परीक्षा देकर अपनी जन्मतिथि में सात साल का हेरफेर किया था। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारी को दिया गया है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम सिंह की ओर से मंगलवार की शाम जारी सेवा समाप्ति आदेश के अनुसार रसड़ा क्षेत्र के जाम गांव निवासी ब्रजनाथ राम की नियुक्ति एक जुलाई 1999 को बेसिक शिक्षा परिषद में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी। वह पिछले कुछ वर्षों से जूनियर हाईस्कूल महाराजपुर रसड़ा में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे।

जिलाधिकारी से हुई थी शिकायत

ब्रजनाथ के खिलाफ उन्हीं के गांव के श्रीराम नारायण गोंड पिछले करीब एक साल से डीएम व बीएसए से शिकायत कर रहे थे। उन्होंने अंतिम शिकायत सात नवंबर 2022 को जिलाधिकारी से की थी। आरोप लगाया था कि ब्रजनाथ राम की दो तरह की जन्मतिथि है। पहली एक दिसंबर 1953 और दूसरी एक दिसंबर 1960।  इस संबंध में उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराए गए पुख्ता प्रमाण भी दिए थे।

बीएसए ने शिकायतों की जांच रसड़ा के खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विभिन्न स्तर पर कराई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मानव संपदा पर अपलोड अभिलेखों व सेवा पुस्तिका में उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है, जबकि उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार उन्होंने अमर शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज, रसड़ा से 1972 में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की है।

इसमें उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1953 है। बाद में राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय, बैरिया से पूर्व मध्यमा की परीक्षा 1975 में पास की है। यहां उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 हो गई। इस प्रकार अलग-अलग विद्यालयों से जन्मतिथि में परिवर्तन करके उनके द्वारा परीक्षा दी गई है।

बीएसए के अनुसार उत्तर प्रदेश सेवा में भर्ती नियमावली 1974 में उल्लिखित है कि सरकारी सेवक की जन्मतिथि हाईस्कूल या समकक्ष परीक्षा के प्रमाण पत्र में अभिलिखित ही मानी जाएगी। ब्रजनाथ राम ने हाईस्कूल की परीक्षा अमर शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज, रसड़ा से 1972 में उत्तीर्ण कर ली थी।

इस तथ्य को छिपाकर 1975 में राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय बैरिया से जन्मतिथि परिवर्तित करके पूर्व मध्यमा परीक्षा पास की। यदि दो विद्यालयों से एक ही परीक्षा अलग-अलग वर्षों में उत्तीर्ण करने को नजरअंदाज भी कर दिया जाए तो जन्मतिथि में हेराफेरी करके परिवर्तन किया जाना नियम विरुद्ध है। ऐसे में स्पष्ट है कि ब्रजनाथ राम तथ्यों को छिपाकर विभाग को धोखा देकर बीटीसी परीक्षा उत्तीर्ण करके गलत तरीके से सेवा में बने थे।

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