बांदा: (मानवी मीडिया) फतेहपुर बांदा के बीच में यमुना नदी पर बने पुल पर एक सप्ताह पूर्व स्लैब में बड़ा सा होल हो जाने से प्रशासन ने भारी वाहनों पर रोक लगा दी है। इस पर 15 मार्च तक वाहनों के आवागमन पर रोक लगाकर मरम्मत का काम शुरू किया गया है। यह पुल पहले भी कई बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। फिर भी इसकी ठीक से मरम्मत नहीं कराई जा रही है। अब उसी होल को ठीक कराया जा रहा है, जिससे वाहनों को 10 किलोमीटर दूर चक्कर लगाकर फतेहपुर-लखनऊ-कानपुर और रायबरेली का सफर करना पड़ेगा।पुल के छठे पिलर पर हुआ होल
जिले के तिंदवारी कस्बे में बेंदा घाट स्थित यमुना नदी में बने पुल के छठे पिलर के पास पुल का बड़ा हिस्सा धंस गया है। इसके बावजूद प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, जिससे दिन-रात ओवरलोड ट्रक समेत विभिन्न वाहन बेधड़क गुजरते रहे। जब प्रशासन के संज्ञान में आया, तब भारी वाहनों पर रोक लगाई गई। छोटे वाहन गुजरते रहे। पुल के धंसने वाले स्थान के आसपास ड्रम रखवा दिए गए थे। स्लैब में इतना बड़ा होल हो गया था, जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती थी, लेकिन प्रशासन द्वारा इस पर एक सप्ताह बाद ध्यान दिया गया।
डीएम के आदेश पर आवाजाही पर लगी रोक
जिला अधिकारी दीपा रंजन ने एक आदेश जारी करके इस पुल पर वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी है। उन्होंने कहा है कि 15 मार्च तक टूटी हुई स्लैब की मरम्मत का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद ही वाहन गुजर पाएंगे। इस आदेश के बाद भारी वाहन 10 किलोमीटर चक्कर लगाकर फतेहपुर-रायबरेली-प्रयागराज-लखनऊ जा रहे हैं। इन वाहनों को तिंदवारी से होकर पपरेंदा से गुजरने दिया जा रहा है। यह सभी वाहन इस समय जिले के चिल्ला कस्बे में बने यमुना पुल से गुजर रहे हैं। फिलहाल इसमें नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया शाखा और बांदा सेतु निर्माण की टीम ने मरम्मत का काम शुरू कर दिया है।
ये पुल पहले भी कई बार हुआ क्षतिग्रस्त
बेंदाघाट पर यमुना नदी पर लगभग 43 वर्ष पहले पुल बना था। 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इसका लोकार्पण किया गया था। 24 पिलरों पर टिका पुल कई बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। वर्ष 2018 में इसका बुश खिसक गया था। करीब दो दिन यातायात बाधित रहा। सितंबर 2021 में पुल का एक हिस्सा धंसने से तीन तक आवागमन ठप रहा। सेतु निगम द्वारा मरम्मत के बाद आवागमन बहाल हो सका। इसी तरह अक्टूबर 2022 में भी पुल में दो स्थानों पर बड़े गड्ढे हो गए थे। स्लैब का निचला हिस्सा ढह गया था।