लखनऊ: (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बस्ती जनपद की अपनी पहचान है। यहां हजारों वर्षों की विरासत है। यहां महर्षि वशिष्ठ का आश्रम था। महर्षि वशिष्ठ ने यहीं रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प लिया था। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम उसके माध्यम बने थे। यह अयोध्या के बगल में है। डबल इंजन की सरकार ने यहां के मेडिकल काॅलेज का नामकरण महर्षि वशिष्ठ के नाम पर किया है। यह मेडिकल काॅलेज बस्ती मंे कार्य कर रहा है। जनपद बस्ती के मखौड़ा धाम के पुनरूद्धार का कार्य यहां के जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में किया जा रहा है। यहां महाराजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया था, जिसके भगवान राम का जन्म हुआ था। भगवान श्री राम रामजानकी मार्ग से माता सीता सहित बारात को लेकर अयोध्या आए थे। इसे अयोध्या से लेकर सीतामढ़ी तथा जनकपुर तक बेहतरीन राजमार्ग बनाने की कार्यवाही का प्रथम चरण पूरा हो चुका है, शेष कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री आज जनपद बस्ती में ए0डी0 एकेडमी का लोकार्पण तथा इसके संस्थापक डाॅ0 वाई0डी0 सिंह की मूर्ति का अनावरण करने के बाद इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने डाॅ0 वाई0डी0 सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित पुस्तक ‘अविस्मरणीय स्मृतियां’ का विमोचन भी किया। आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बस्ती में मुण्डेरवा चीनी मिल का संचालन प्रारम्भ हो गया है। यह पांच हजार टी0सी0डी0 क्षमता की है। यदि यह पूरी क्षमता से चले तो इसके लिए एक समय में 50 हजार कुन्तल गन्ने की आवश्यकता पड़ेगी। इससे फाइन शुगर भी बन रही है। यहां की चीनी मुण्डेरवा व बस्ती के नाम पर दुनिया में जानी जाएगी। यहां एथेनाॅल प्लाण्ट भी लगा है। अब हमारी गाड़ियां डीजल व पेट्रोल के लिए किसी अरब देश पर निर्भर नहीं रहेंगी, बल्कि हमारी चीनी मिलों में ही ग्रीन ईंधन का काम शुरू हो जाएगा। यहां कोजन प्लाण्ट भी लगेगा, जिससे बिजली भी बनेगी। अब चीनी मिलें शुगर काॅम्प्लेक्स बन रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद बस्ती में श्रमिकों के बच्चों तथा कोविड काल खण्ड में और अन्य समय में अनाथ हुए बच्चों तथा निराश्रित बच्चों को अत्याधुनिक शिक्षा देने के लिए अटल आवासीय विद्यालय बन रहा है। इसी सत्र में इसमंे बच्चों का एडमिशन भी किया जाएगा। इसके लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में प्रत्येक मण्डल में कमेटी गठित कर दी गई है। इन विद्यालयों में बच्चों के रहने-खाने तथा पढ़ने की व्यवस्था होगी। अयोध्या धाम की परिक्रमा करने के लिए पंचकोसी, चैदह कोसी तथा चैरासी कोसी परिक्रमा मार्गों को 4-लेन और 2-लेन का बनाया जाएगा। इनके कार्य प्रारम्भ होने जा रहे हैं। अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहा है। इस वर्ष के अन्त तक यहां से उड़ाने शुरू हो जाएगी। देश और दुनिया में कहीं जाने के लिए आप अयोध्या से ही यात्रा पूरी कर पाएंगे, इसके लिए गोरखपुर या लखनऊ नहीं जाना होगा।
एक प्रख्यात साहित्यकार ने बस्ती की स्थिति को देखकर कहा था कि ‘बस्ती को बस्ती कहूं, तो काको कहूं उजाड़’। लेकिन अब बस्ती अत्याधुनिक नगरी बन रही है। आज क्षेत्र के विकास की बड़ी-बड़ी योजनाएं बन रही हैं। यहां बौद्ध परिपथ को जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण हो रहा है। इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से जनपद में निवेश के अनेक प्रस्ताव आये हैं। इनसे हजारों लोगों को नौकरी की सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन इसके लिए यहां के नौजवानों को पूरी तरह तैयार होना पड़ेगा। उन्हें अपना स्किल डेवलपमेन्ट करना होगा। इसके लिए बस्ती में आई0टी0आई0, पाॅलिटेक्निक तथा इंजीनियरिंग काॅलेज बनाए जा रहे हैं। डिग्री काॅलेज तथा मेडिकल काॅलेज का विस्तार इसी उद्देश्य से हो रहा है। बस्ती के पचवस महाविद्यालय में नये पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया है, जिससे बस्ती के नौजवानों को आधुनिक शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
आज यहां बाढ़ की समस्या का भी समाधान हो चुका है। सरयू जी में ड्रेजिंग करके उन्हें दूसरी तरफ रास्ता देने का कार्य किया गया है। सरयू नदी भगवान राम की स्मृतियों से जुड़ी हुई। हमें जल संरक्षण के साथ ही जन-धन की हानि को भी रोकना है, इसके लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य रही है।
आज यहां डाॅ0 वाई0डी0 सिंह की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा, स्वास्थ्य, समाजसेवा, गोसेवा तथा बागवानी के लिए समर्पित किया। वे लगभग पौने तीन वर्ष पहले हमसे विदा हो गये थे। उनके परिवार ने जीवन के शाश्वत मूल्यों को स्वीकार करते हुए उनकी स्मृतियों को आगे बढ़ाया। महापुरुष के लिए कभी आंसू नहीं बहाना चाहिए, बल्कि उनके कार्यों और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का प्रयास होना चाहिए। डाॅ0 वाई0डी0 सिंह के उन्हीं कार्यों को डाॅ0 गीता दत्त, श्री श्वेतांक शेखर सिंह एवं परिवार के सदस्य आगे बढ़ा रहे हैं। डाॅ0 वाई0डी0 सिंह की स्मृतियों को जीवन्त बनाये रखते हुए यहां विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। उनकी अविस्मरणीय स्मृतियों पर आधारित एक ग्रन्थ के विमोचन तथा उनकी मूर्ति के अनावरण का कार्यक्रम यहां सम्पन्न हुआ है। डाॅ0 वाई0डी0 सिंह की मूर्ति उनके संघर्षशील व्यक्तित्व की प्रेरणा प्रदान करती रहेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने डाॅ0 वाई0डी0 सिंह की स्मृतियों को नमन कर उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ऐसे लोेग अपने कार्यों से स्मरणीय बन जाते हैं। डाॅ0 वाई0डी0 सिंह का नाम गोरखपुर, बस्ती और पूर्वांचल में लम्बे समय तक बना रहेगा। जनपद बस्ती उनकी जन्मभूमि और गोरखपुर उनकी कर्मसाधना स्थली है। वह गोरखपुर अध्ययन करने के लिए गए थे। गोरखपुर से बी0एस0सी करने के बाद उन्होंने कानपुर मेडिकल काॅलेज से एम0बी0बी0एस0, डी0सी0एच0 तथा एम0डी0 किया। बाद में उन्होंने गोरखपुर मेडिकल काॅलेज में सहायक आचार्य, आचार्य, अध्यक्ष तथा प्रधानाचार्य के रूप में कार्य करते हुए उसे नई ऊंचाई दी।
एक संवेदनशील चिकित्सक के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश के लाखों बच्चों के जीवन बचाने के लिए डाॅ0 वाई0डी0 सिंह ने उस समय अपने स्तर पर अनेक प्रयास किये। आज चिकित्सालयों तथा मेडिकल काॅलेजों के लिए शासन स्तर पर धनराशि उपलब्ध करायी जाती है, लेकिन एक समय मेडिकल काॅलेजों के लिए धनराशि की कमी रहती थी। इसीलिए वहां उपचार की सुविधा भी नहीं होती थी। डाॅ0 वाई0डी0 सिंह ने गोरखपुर में अपने पास से धन लगाकर बाल रोग विभाग को बेहतरीन बनाया था। बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर का बाल रोग विभाग डाॅ0 वाई0डी0 सिंह के अध्यक्ष रहते हुए सबसे अच्छा विभाग माना जाता था। प्रतिदिन हजारों लोग उन्हें दिखाने के लिए आते थे। नेपाल तक से लोग बच्चों को उन्हें दिखाने लाते थे। डाॅ0 सिंह शनिवार व रविवार को जनपद बस्ती आकर यहां के लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराते थे।
अपने दायित्वों को समझना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। अक्सर सरकारी सेवा में आने पर यह देखने को मिलता है कि लोग अपनी जिम्मेदारी भूल जाते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अमृत महोत्सव वर्ष के मुख्य महोत्सव के अवसर पर पंचप्रण की बात की थी। इनमें विकसित भारत का निर्माण, गुलामी के अंश से मुक्ति, विरासत का सम्मान, एकता और एकात्मकता के लिए कार्य करना तथा नागरिकों के कर्तव्य की बात शामिल है। यह सभी पंचप्रण डाॅक्टर वाई0डी0 सिंह के व्यक्तित्व में झलकते थे। उन्होंने गोरखपुर के बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में योगदान दिया।
एक संवेदनशील चिकित्सक के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौनिहालों की जान बचाने के लिए उन्होंने कार्य किए। इन्सेफेलाइटिस बीमारी का मुकाबला करने तथा यहां के बच्चों को बचाने के लिए पूरी क्षमता से अपना योगदान दिया। उनके समय मंे निजी क्षेत्र तथा सरकारी क्षेत्र में उतना बड़ा कोई दूसरा चिकित्सक नहीं था। लेकिन वे सदैव अहंकार से मुक्त रहे तथा सहजता और शालीनता के साथ किसी भी कार्य को करने से उन्होंने इन्कार नहीं किया। जब वे सेवानिवृत्त हुए तो स्नातक प्रतिनिधि के रूप में विधान परिषद के माध्यम से उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए आवाज उठायी। जिस भी क्षेत्र में उन्हें कार्य करने का अवसर मिला वहां उन्होंने कुछ मानक तय करते हुए उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्रि की नवमी तिथि शक्ति की उपासना की दृष्टि से सिद्धिदात्री के रूप में है। साथ ही, यह भगवान श्रीराम के पावन जन्मदिन की तिथि भी है। उन्हांने सभी को बासन्तीय नवरात्रि तथा रामनवमी की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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