लखनऊ (मानवी मीडिया)विश्व कैंसर दिवस पर यूनियन फ़ोरम इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल के तत्वधान में मनाया जाता है पूरे विश्व को कैंसर के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट करती है इस दिन का उद्देश्य कैंसर के खिलाफ जागरूकता फैलाना कैंसर से होने वाले लाखों मृत्यु को बचाया जा सके वर्ष 2018 में कैंसर के 1.8 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए थे वर्ष 2024 तक यह 2.9 करोड से भी अधिक पहुंचने की आशा है भारत में 2020 में एक अरुण मृत्यु दर्ज हुई है जो के सभी छह में से एक मृत्यु कैंसर से हुई है वर्ष 2020 में 27 लाख से अधिक थी और20 22 में कैंसर के नए मामले 14.6 ला पाए गए हैं प्रमुख रूप से मुंह का कैंसर फेफड़े का कैंसर पेट का कैंसर और हाथ का कैंसर एवं महिलाओं में स्तन कैंसर गर्भाशय का कैंसर और ओवरी का कैंसर होता है
कैंसर के प्रमुख कारण है
1 ध्रुव पान के रूप में तंबाकू का प्रयोग
2 पान मसाला चलाना
3 शराब का सेवन
4 आहार में कम फल सब्जी और फाइबर
5 कुपोषण
6 शारीरिक गतिविधियों की कमी
7 अनुवांशिक कारण
8 वायरस हेपेटाइटिस बी वायरस के संक्रमण से संबंधित है प्रोफेसर वेद प्रकाश के दिशा निर्देश में केजीएमयू पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग का उद्देश फेफड़े का कैंसर रोग के प्रति समग्र दृष्टिकोण रखना है सर्जिकल ऑंकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर विजय कुमार मेडिकल टेक्नोलॉजी विभाग के डॉ शाह जफर के सहयोग से टीम एवं फाइबर ऑप्टिकल ब्रोंकोस्कॉपी जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करके फेफड़े के कैंसर के रोगी के शीघ्र निदान रखती है इस अध्ययन के शुरुआती नतीजे हाल ही में जर्जन आफ कैंसर रिसर्च एंड थेरैप्यूटिक्स में प्रकाशित हुए हैं इस अध्ययन में स्टेट में सेल लाइव सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च केजीएमयू से डॉक्टर सत्येंद्र कुमार एवं एरा मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर अंजना सिंह एवं पेलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग से डॉ वेद प्रकाश सम्मिलित है इस अवसर पर पेलमोनरी
एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के डॉक्टर सचिन कुमार डॉ मृत्युंजय सिंह डॉ अनुराग त्रिपाठी डॉ रविकांत पांडे डॉक्टर शुभम स्मृति उपस्थित रहे