श्रीहरिकोटा (मानवी मीडिया) भारतीय अंतरीक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने शुक्रवार को कहा कि इसरो वर्ष 2023 में कई अभियानों को शुरू करने के साथ अपने मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान ‘गगनयान’ की भी तैयारी करेगा।
इसरो के मुताबिक, गगनयान परियोजना के तहत मानवयुक्त अंतरिक्षयान की क्षमता को दर्शाने के लिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों को तीन दिनों के मिशन के तहत 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजा जाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित तरीके से हिंद महासागर में उतारा जाएगा।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को एलवी डी 2 के सफल प्रक्षेपण ने इस साल इसरो के व्यस्त कार्यक्रम को लय कायम कर दी है और इस साल के लिए कई धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) और भू-स्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) से जुड़े अभियान निर्धारित किए गए।
लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) डी2 के सफल प्रक्षेपण के बाद उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि फिलहाल हम जीएसएलवी एमके-तीन के अगले प्रक्षेपण की तैयारी कर रहे हैं और एलवीएम 3 एम3 मिशन के तहत मध्य मार्च तक वनवेब इंडिया-2 का प्रक्षेपण होगा जिसमें 36 उपग्रह होंगे। एसएलवी प्रक्षेपण के तुरंत बाद इसरो ने पीएसएलवी सी 55 मिशन के प्रक्षेपण अभियान की शुरुआत कर दी।
यह प्रक्षेपण न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए होगा जो एक वाणिज्यिक प्रक्षेपण है। अन्य योजनाओं के तहत ‘रीयूजेबल प्रक्षेपण यान‘ का ‘लैंडिंग प्रदर्शन’ भी शामिल है। सोमनाथ ने कहा, ‘‘फिलहाल टीम चित्रदुर्ग स्थित केंद्र पर है। हमें उम्मीद है कि कुछ दिनों में शुरुआती तैयारी हो जाएगी और हम लैंडिंग प्रदर्शन करने में समर्थ होंगे।’’ उन्होंने कहा कि निसार (नासा-इसरो सार अभियान) की शुरुआत इस साल के अंत में की जाएगी।