वॉशिंगटन (मानवी मीडिया) कंबोडिया में 11-वर्षीय लड़की की एच5एन1 बर्ड फ्लू के कारण मौत होने के बाद डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि सभी देशों को इस वायरस को गंभीरता से लेना चाहिए और सतर्कता बढ़ानी चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने कहा, दुनियाभर में पक्षियों में इसके फैलने और इंसानों व स्तनधारियों में इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए एच5एन1 के हालात चिंताजनक लगते हैं।
दक्षिण पूर्व कंबोडिया के प्री वेंग प्रांत की 11 वर्षीय लड़की के पिता को भी एच5एन1 मानव एवियन इन्फ्लूएंजा से संक्रमित पाया गया है। जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एच5एन1 मानव एवियन इन्फ्लूएंजा बर्ड फ़्लू के बारे में चिंता जाहिर की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि लड़की के पिता की रिपोर्ट आने के बाद एच5एन1 मानव एवियन इन्फ्लूएंजा के मानव-से-मानव संचरण की आशंका बढ़ गई है। गौरतलब है कि एच5एन1 मानव एवियन इन्फ्लूएंजा से पीड़ित लड़की की मौत हो गई थी।
कंबोडिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दक्षिण पूर्व कंबोडिया के प्री वेंग प्रांत की 11 वर्षीय लड़की में 16 फरवरी को बुखार, खांसी और गले में खराश के लक्षण मिले थे। जिसके बाद बुधवार को H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के कारण उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद अधिकारियों ने उसके संपर्क में आए 12 लोगों के नमूने लिए थे। इन नमूनों की जांच में लड़की के 49 वर्षीय पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
डब्ल्यूएचओ ने इस पर चिंता जाहिर की है। संगठन ने कहा कि वह कंबोडियाई अधिकारियों के साथ इस स्थिति को लेकर निकट संपर्क में है। संगठन ने कहा कि मनुष्यों को शायद ही कभी बर्ड फ्लू होता है। हालांकि अगर ऐसा होता है तो इसका कारण आमतौर पर संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आना है। अब कंबोडिया में जांचकर्ता यह जानने की कोशिश में लगे हैं कि क्या लड़की और पिता संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आए थे। जांच के बाद जल्दी ही यह पता चल जाएगा कि क्या यह मानव-से-मानव संचरण है। डब्ल्यूएचओ महामारी और रोकथाम निदेशक सिल्वी ब्रायंड ने इस स्थिति के बारे में कहा कि अभी तक यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह मानव-से-मानव संचरण या समान पर्यावरणीय परिस्थितियों के संपर्क में है।
इस महीने की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेडरोस अदनहोम गेब्रेहेसुस ने कहा था कि मनुष्यों को बर्ड फ्लू का खतरा कम है। उनके इस बयान का समर्थन करते हुए ब्रायंड ने जोर देकर कहा कि यह आकलन नहीं बदला है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन यह देखने के लिए उपलब्ध जानकारी की समीक्षा कर रही है कि क्या इसके प्रभाव के मूल्यांकन की समीक्षा करने की जरूरत है। ब्रायंड ने कहा कि दुनिया भर में पक्षियों में वायरस के व्यापक प्रसार और मनुष्यों सहित स्तनधारियों में मामलों की बढ़ती रिपोर्ट को देखते हुए वैश्विक एच5एन1 स्थिति चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने वायरस के प्रभावों को गंभीरता से लिया है। साथ ही सभी देशों से इस बीमारी को लेकर सतर्कता बढ़ाने का आग्रह भी करता है। ब्रायंड ने कहा कि अब तक, मनुष्यों में बर्ड फ़्लू के मामले बेहद कम थे, लेकिन अब इसके कई संभावित मामले हैं, ऐसे में इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है कि क्या प्रारंभिक मामले ने बीमारी को अन्य मनुष्यों तक पहुंचा दिया है?
बर्ड फ्लू एक ऐसी बीमारी है, जो सिर्फ पक्षियों को ही नहीं, बल्कि जानवरों और इंसानों के लिए भी उतना ही खतरनाक है। इस बीमारी से संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान आसानी से इससे संक्रमित हो जाते हैं। इससे मौत भी हो सकती है। बर्ड फ्लू को एवियन इंफ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन (संक्रमण) होता है। वैसे तो बर्ड फ्लू कई प्रकार हैं, लेकिन एच5एन1 (H5N1) पहला ऐसा बर्ड फ्लू वायरस था, जिसने पहली बार इंसान को संक्रमित किया था। इसका पहला मामला साल 1997 में हांगकांग में सामने आया था, जबकि पहली बार 1996 में चीन में बर्ड फ्लू का पता चला था। यह बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाले पानी के संपर्क में आने से इंसानों में होती है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
- खांसी (आमतौर पर सूखी खांसी)
- गले में खराश, बंद नाक या नाक बहना
- थकान, सिरदर्द
- ठंड लगना, तेज बुखार
- जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में दर्द
- नाक से खून बहना
- सीने में दर्द