लखनऊ: (मानवी मीडिया) उमेश पाल और उनके गनर की हत्या के मामले में अतीक अहमद समेत उनके परिवार का नाम आने के बाद बसपा में भी मंथन शुरू हो गया है। इस बात पर गंभीर चिंतन किया जा रहा है कि अतीक की पत्नी और परिवार के सदस्यों को पार्टी में रखा जाए या नहीं? पार्टी की नजर इस पूरे घटनाक्रम पर है। साथ ही उनको पार्टी में रखने और निकाले जाने को लेकर नफा-नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उसी के आधार पर जल्द मायावती कोई निर्णय ले सकती हैं।
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने अपने परिवार और समर्थकों के साथ 5 जनवरी को बसपा ज्वाइन की थी। उनको प्रयागराज सीट से मेयर प्रत्याशी बनाए जाने का भरोसा भी दिलाया गया था। इसके बाद उनके जन्मदिन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में बसपा प्रमुख ने कहा था कि उनकी पत्नी को पार्टी में शामिल किया है। वह माफिया नहीं हैं। इस बीच राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके गनर की हत्या के बाद इसमें अतीक और उनके परिवार का नाम आ रहा है। ऐसे में एक बार फिर यह चर्चा है कि अब अतीक की पत्नी बसपा में रहेंगी या नहीं? सबकी निगाह इस बात पर है कि मायावती अब क्या निर्णय लेती हैं।
जल्दबाजी में निर्णय नहीं
पार्टी के जानकारों का कहना है कि इस मुद्दे पर बसपा जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहती। वजह ये है कि मुसलमान वोटों में अपनी पकड़ बनाने के लिए बसपा लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में ही शाइस्ता परवीन को पार्टी में शामिल किया है। उधर पुलिस भी अभी जांच कर रही है। यही वजह है कि पार्टी जल्दबाजी में कोई निर्णय लेने से बच रही है।