नई दिल्ली (मानवी मीडिया): तुर्किये और सीरिया में आए भीषण भूकंप में जान गंवाने वालों की संख्या 34,000 के पार हो गई है। मलबे में दबे लोगों के जीवित बचने की तेजी से लगातार धूमिल होती उम्मीदों के बीच बचाव कार्य जारी है। भूकंप ने इन दोनों देशों में जितने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है, उससे दुनिया भर के लोग सहम उठे हैं। प्राकृतिक आपदाओं से जुड़े पूर्वानुमानों पर अब और ज्यादा फोकस किया जा रहा है। साथ ही इसे लेकर भी कदम उठाए जा रहे हैं कि आपदा आने के पर कैसे कम से कम तबाही मचे।
फ्रैंक हुगरबीट्स, वह रिसर्चर हैं जिन्होंने 3 दिन पहले ही यह बता दिया था कि तुर्की और सीरिया में बड़े पैमाने पर भूकंप आ सकता है। हुगरबीट्स सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे (SSGEOS) के एक शोधकर्ता हैं जो भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन करते हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि अभी या फिर बाद में दक्षिण-मध्य तुर्की, जॉर्डन, सीरिया और लेबनान के आसपास के इलाके में 7.5 तीव्रता का भूकंप आएगा।
साथ ही फ्रैंक हुगरबीट्स ने कहा कि हमने अपनी स्टडी में यह पाया है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में भूकंप के तेज झटके आ सकते हैं जैसा कि 2001 में आया था। हालांकि, यह महज संभावना भर ही है। इसे दावे के साथ नहीं कहा जा सकता। हम प्लैनेट की पोजीशन और टाइम फ्रेम का अध्ययन करते हैं। जैसा कि हमने 4-6 फरवरी को किया था। इससे हम अनुमान लगाते हैं कि किन संभावित इलाकों में भूकंप आ सकता है।
फ्रैंक हुगरबीट्स ने बताया कि तुर्की और सीरिया को लेकर उन्होंने जो अनुमान लगाया था वो रिसर्च पर आधारित था। उन्होंने कहा कि पहले आ चुके भूकंपों का अध्ययन करने पर इस तरह के संकेत मिले थे। हुगरबीट्स ने कहा कि भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन करने के बाद मुझे लगा कि तुर्की-सीरिया के आसपास के इलाके में जोरदार झटके आ सकते हैं, इसलिए मैंने लोगों को पहले ही आगाह कर देना सही समझा। हालांकि, उस समय मुझे इसका कोई अनुमान नहीं था कि यह 3 दिन बाद ही हो जाएगा।