लखनऊ (मानवी मीडिया) माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक पुत्र अब्बास अंसारी को जेल में सहूलियतें देने और नियम विरुद्घ तरीके से पत्नी से मिलवाने के आरोपित कुछ जेलकर्मियों को बर्खास्त किया जाएगा। जेल मुख्यालय ने इस प्रकरण को बेहद गंभीरता से लिया है। इस प्रकरण की जांच कर रहे डीआईजी जेल शैलेंद्र मैत्रेय की रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपित जेलकर्मियाें की भूमिका को देखते हुए शासन से उनको बर्खास्त करने की संस्तुति की जाएगी। जेल मुख्यालय ये भी पता लगा रहा है कि अब्बास से उसकी पत्नी के अलावा बीते दिनों कौन-कौन मिलने आया था और उनकी मुलाकात का मकसद क्या था।
ध्यान रहे कि शनिवार को चित्रकूट के डीएम और एसपी ने जिला जेल में छापा मारा था। इस दौरान अब्बास अंसारी अपनी पत्नी के साथ जेलर के बगल वाले कमरे में मिला था। जिसके बाद उसकी पत्नी निखत बानो के खिलाफ अब्बास को जेल से भगाने की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। साथ ही जेल अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार, डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय समेत आठ जेलकर्मियों को निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए गये थे। अब जेल मुख्यालय इन सभी को बर्खास्त करने की तैयारी में है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अब्बास अंसारी से मिलने के लिए उनकी पत्नी बीते कई दिनों से जेल आ रही थी और दोनों कई घंटे साथ में बिताते थे। निलंबित किए गये जेलकर्मी उनकी मदद कर रहे थे। फिलहाल अधिकारी जेल के सीसीटीवी खंगाल रहे हैं और अन्य जेलकर्मियों और बंदियों के बयान दर्ज किए जा रहे है।
गवाहों और अफसरों को धमकाने का आरोप
अब्बास की पत्नी और जेलकर्मियों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप है कि निखत के मोबाइल से अब्बास अपने मुकदमों के गवाहों और अभियोजन के अधिकारियों को धमकाता था। निखत को गिरफ्तार करने के बाद जब उससे पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि अब्बास कुछ पुलिस अधिकारियों, गवाहों, अभियोजन अधिकारियों की हत्या की योजना बना रहा है। वह मुझे बताता है कि किन साक्षियों को पक्षद्रोही होने के लिए धमकाना है। जो बात नहीं माने, उसे खत्म करना है। उसने अपने गुर्गों के बारे में भी बताया है जिनके जरिए रंगदारी वसूल की जाती है।
सिपाही जगमोहन का पुराना है कनेक्शन
इस मामले में जिस सिपाही जगमोहन को मुकदमे में नामजद किया गया है, वह मुख्तार के सबसे करीबी शूटर मुन्ना बजरंगी के साथ बागपत जेल में रह चुका है। वहीं चित्रकूट जेल में दो साल पहले हुई गैंगवार के दौरान भी जगमोहन तैनात रह चुका है। इस गैंगवार में पश्चिमी उप्र का माफिया मुकीम काला, मुख्तार का करीबी मेराज अहमद को शातिर अपराधी अंशू दीक्षित ने गोलियों से भून दिया था। बाद में पुलिस ने अंशू दीक्षित को मौके पर ढेर कर दिया था।