महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का बड़ा खुलासा, बोले- जेल में मुझे मिला सरकार गिराने का प्रस्ताव - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Monday, February 13, 2023

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का बड़ा खुलासा, बोले- जेल में मुझे मिला सरकार गिराने का प्रस्ताव


महाराष्ट्र  (मानवी मीडियाराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  के नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख  ने रविवार को दावा किया कि उन्हें जेल में ऐसा प्रस्ताव मिला था, जिसे यदि मान लेता तो महा विकास आघाड़ी के नेतृत्व वाली सरकार काफी पहले गिर गई होती. देशमुख धनशोधन मामले में 13 महीने जेल में थे और वह जमानत पर हैं.

देशमुख को नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें पिछले साल 28 दिसंबर को जमानत पर रिहा किया गया. देशमुख ने वर्धा के सेवाग्राम में नदी एवं वन संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली ग्राम सभाओं एवं गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सामूहिक वन अधिकारों के राज्य-स्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया.

उन्होंने दावा किया, ‘‘मुझे जेल में प्रस्ताव मिला था, जिसे मैंने खारिज कर दिया. अगर मैं समझौता कर लेता (प्रस्ताव स्वीकार कर लेता) तो महा विकास आघाड़ी  के नेतृत्व वाली सरकार ढाई साल पहले ही गिर गई होती, लेकिन मैं न्याय में विश्वास करता हूं, इसलिए मैंने रिहा होने का इंतजार किया.’’

बता दें, महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट तब शुरू हुआ जब कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे  ने कम से कम 40 अन्य विधायकों के साथ पहले सूरत और फिर गुवाहाटी में डेरा डाला, शिवसेना से सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन से बाहर निकलने और भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिलाने की मांग की.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने तब दावा किया था कि यह ‘असंभावित’ गठबंधन कुछ महीनों से अधिक नहीं चलेगा. एमवीए सरकार के ढाई साल के लंबे कार्यकाल के दौरान, गठबंधन के भीतर लगातार दरार की खबरें आती रहीं.

ठाकरे और शिवसेना के लिए भाजपा के साथ गठबंधन में रहना बहुत आसान होता – जो कि उसका स्वाभाविक और दीर्घकालिक वैचारिक सहयोगी रही.

गौरतलब है कि शिवसेना  ने 2019 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ गठबंधन में लड़ा था. दोनों दलों ने मिलकर 161 सीटों पर जीत हासिल की, जो 288 सीटों वाली विधानसभा में एक कंफर्टेबल बहुमत था. शिवसेना, हालांकि, यह कहते हुए गठबंधन से बाहर हो गई कि भाजपा ढाई साल बाद मुख्यमंत्री पद को बदलने के अपने वादे से मुकर गई.

Post Top Ad