मुर्मू ने बताया कि भारत का नियंत्रक और महालेखा परीक्षक-सीएजी ऑडिट प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि इससे ऑडिट प्रक्रिया को अधिक कुशलता और प्रभावी दृष्टिकोण मिलता है और लेखापरीक्षा की समग्र गुणवत्ता में सुधार होता है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अवसर पर कहा कि यह बैठक सदस्य देशों को साइबर खतरों से बचाने के लिए अपने अनुभवों और सर्वोत्तम तौर तरीकों को साझा करने, लेखा परीक्षा की गुणवत्ता में सुधार और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
तीन दिवसीय बहुपक्षीय आयोजन में शंघाई सहयोग संगठन के आठ सदस्य देशों में से चार देशों - कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान के शीर्ष लेखा परीक्षा संस्थानों के प्रमुख और प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, गिरीश चंद्र मुर्मू "लेखा परीक्षा में उभरती प्रौद्योगिकियों का एकीकरण" विषय पर चर्चा का नेतृत्व कर रहे हैं।