दिल्ली (मानवी मीडिया) कांग्रेस नेता उदित राज ने मोदी सरकार को नाम बदलने में माहिर करार देते हुए नई संसद का नाम डॉ आंबेडकर संसद भवन रखे जाने की मांग की है. नई संसद का नाम डॉ अम्बेडकर संसद भवन करने की मांग को लेकर दलित नेताओं ने अनुसूचित जाति व जन जाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ के बैनर तले बुधवार को गोलमेज सम्मलेन का आयोजन किया.
दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित एक दिवसीय गोल मेज सम्मलेन में बैठक आयोजित की गई. इस मौके पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि संसद भवन का नाम रखने के लिए बाबा साहेब आंबेडकर से ज्यादा उपयुक्त कोई नहीं है. नामकरण के लिए हमारी पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा पूरे बिहार में सिलसिलेवार तरीके से आन्दोलन करेगी.
बैठक के बाद मांझी ने कहा कि इसकी शुरूआत 12 फरवरी की पदयात्रा से की जाएगी. पदयात्रा के माध्यम से बिहार की जनता को इस मुहीम से जोड़ा जाएगा. निकट भविष्य में इस मांग के समर्थन में दिल्ली में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
वहीं इस मौके पर कांग्रेस नेता डॉ उदित राज ने कहा कि न्यू विस्टा प्रोजेक्ट 2020 में लॉन्च किया गया था और नई पार्लियामेंट बिल्डिंग बन रही है, जो पूरी होने वाली है. अनुसूचित जाति व जनजाति परिसंघ इस मांग को उठाने वाला पहला संगठन है. 10 दिसंबर 2020 को जब कोविड चरम पर था, उस समय इस मांग को लेकर दिल्ली में एक विशाल प्रदर्शन आयोजित किया गया था.
उन्होंने कहा कि हम तेलंगाना की टीआरएस सरकार की सराहना करते हैं कि उसने नई संसद भवन का नाम डॉ बी आर अंबेडकर के नाम पर रखने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने के लिए राज्य विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया. तेलंगाना विधानसभा के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से पारित किया लेकिन भाजपा अनुपस्थित रही.
उदित राज ने कहा कि तेलंगाना एससी/एसटी परिसंघ के प्रदेश अध्यक्ष महेश्वर राज ने तेलंगाना राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए अथक संघर्ष करके यह काम कराया. उन्होंने संसद के भी सभी सदस्यों से इस संबंध में अपील की है लेकिन अभी तक किसी से भी कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
बैठक के बाद उदित राज ने कहा कि मोदी सरकार नाम बदलने और स्थानों और स्मारकों के नाम बदलने के लिए जानी जाती है. इसने मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज, फैजाबाद का नाम अयोध्या और मुगलसराय का नाम दीन दयाल उपाध्याय कर दिया है, इसलिए इस नए संसद भवन का नाम डॉ बी आर अंबेडकर के नाम पर रखने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.