नई दिल्ली (मानवी मीडिया): पाकिस्तान के राष्ट्रपति व सेना अध्यक्ष रह चुके जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार को निधन हो गया। दुबई में 79 की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। भारत-पाकिस्तान के बीच हुई करगिल की लड़ाई के पीछे परवेज मुशर्रफ ही थे। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए थे। मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को नई लाल किला से करीब 2 किलोमीटर दूर दिल्ली के दरियागंज में हुआ था। विभाजन में उनका परिवार पाकिस्तान चला गया। बंटवारे से पहले उनकी मां ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, मुशर्रफ ने कारगिल में घुसपैठ और लड़ाई को लेकर अपने निर्णयों में पाकिस्तान के अधिक लोगों को शामिल नहीं किया था। विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि जनरल मुशर्रफ ने करगिल लड़ाई को लेकर अपनी ही तीनों सेनाओं के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न की। पूर्व पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह वर्षो से दुबई में निर्वासित जीवन बिता रहे थे और यहीं उनका उपचार भी चल रहा था।
मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के पूर्व मिल्रिटी तानाशाह परवेज मुशर्रफ अमाइलॉयडोसिस की बीमारी से ग्रसित थे। वह काफी लंबे समय तक इस गंभीर बीमारी से जूझते रहे। यह एक अत्यंत दुर्लभ बीमारी है। इस बीमारी के होने पर अमाइलॉइड नामक एक प्रोटीन शरीर के अंगों में बनने लगता है। इस प्रोटीन के कारण मानव शरीर के विभिन्न हिस्से अलग-अलग समय पर काम करना बंद कर देते हैं। इस बीमारी से रोगी के वाइटल ऑर्गन जैसे की लीवर, किडनी, हार्ट, और नर्वस सिस्टम भी अलग-अलग स्तर पर प्रभावित होने लगते हैं। स्थिति धीरे-धीरे गंभीर बनती जाती है और अंत में रोगी की मृत्यु हो जाती है।
परवेज मुशर्रफ ऐसी बीमारी से प्रभावित थे। बीते कुछ वर्षो के दौरान उन्होंने अपने अस्वस्थ होने का जिक्र भी कई बार किया था। अपनी इस गंभीर बीमारी से लड़ते हुए रविवार 5 फरवरी को परवेज मुशर्रफ ने दुबई में आखिरी सांस ली।
पाकिस्तानी सेना के पूर्व सेना अध्यक्ष के जीवन के शुरुआती दिनों की बात की जाए तो बंटवारे से पहले परवेज मुशर्रफ और उनका परिवार दिल्ली स्थित दरियागंज की नहर वाली हवेली में रहता था। परवेज मुशर्रफ की मां बेगम जरीन मुशर्रफ 2005 में भारत यात्रा पर आई थीं। तब वह लखनऊ, दिल्ली और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भी गईं।
परवेज मुशर्रफ के पिता सैयद मुशर्रफुद्दीन ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (उत्तर प्रदेश) से ग्रेजुएट किया था। वह भारत में सिविल सर्विसेज में रहे, लेकिन 1947 में बंटवारे के बाद वह पाकिस्तान सिविल सर्विसेज के साथ जुड़ गए। 1920 में जन्मीं परवेज मुशर्रफ की मां जरीन लखनऊ में पली बढ़ीं थीं। मुशर्रफ की मां जरीन ने 1944 में जरीन ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी।