संघ प्रमुख के बयान से यूपी में भड़के ब्राह्मण - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Monday, February 6, 2023

संघ प्रमुख के बयान से यूपी में भड़के ब्राह्मण


कानपुर: (
मानवी मीडिया
 आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के वर्ण-व्यवस्था पर दिए गए बयान के बाद देश की सियासत में हड़कंप मच गया। ब्राह्मण समाज में इस बयान को लेकर भारी नाराजगी है। कानपुर में ‘मैं ब्राह्मण हूं महासभा’ मोहन भागवत के विरोध में उतर आया है। ब्राह्मण सभा के पदाधिकारियों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके साथ ही मोहन भागवत को कलयुग का विभीषण की उपाधी से नवाजा है। जेएनयू में लिखा गया ब्राह्मण भारत छोड़ो आरएसएस मानसिकता का प्रतीक है।

मोहन भागवत ने बीते रविवार को मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि हमारी समाज के प्रति भी अहम जिम्मेदारी है। जब हर काम समाज के लिए है, तो कोई ऊंचा, नीचा या फिर अलग कैसे हो सकता है। ईश्वर ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं। उसमें कोई जाति, वर्ण नहीं है। लेकिन पंडितों ने श्रणी बनाई, वो गलत था। इस बयान के बाद देश की राजनीति गर्म हो गई। कानपुर के निराला नगर दीप चौराहे पर ‘मैं ब्राह्मण हूं महासभा ने हनुमान चालीसा का पाठ कर विरोध दर्ज कराया है।

इस बयान से नफरत बढ़ेगी
'मैं ब्राह्मण हूं' महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश मणी त्रिपाठी का कहना है कि यह जो मोहन भागवत का बयान आया है कि देश में जाति व्यवस्था का जिम्मेदार पंडित है। पंडित मतलब जब जाति व्यवस्था की बात हुई, तो ब्राह्मण थे। दूसरा कोई पंडित नहीं था। इस बयान के ब्राह्मण समाज में रोष है। उनके प्रति देश में नफरत की भावना और जाएगी। हिंसात्मक कार्रवाई हो सकती है। ब्राह्मण समाज के सम्मान की लड़ाई है, और मोहन भागवत के बयान के विरोध में हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।

कर्म के हिसाब से वर्ण व्यवस्था
उन्होने कहा कि मोहन भागवत ने कहा कि वर्ण व्यवस्था के जिम्मेदार पंडित हैं। मनु स्मृति भगवान ब्रम्हा के पुत्र ने लिखी है, वो किसी पंडित ने नहीं लिखी है। ईश्वर द्वारा रचित है मनुस्मृति। उसमें कहीं भी यह नहीं लिखा है कि ब्राह्मण का बेटा ब्राह्मण होगा या फिर पंडित का लड़का पंडित होगा। कर्म के हिसाब से वर्ण व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि देश में कुछ लोग राजनीतिक फायदे के लिए इसे तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं। ब्राह्मण ने पूरा जीवन लोगों को शिक्षा देने के लिए दे दिया। उसके खिलाफ नफरत की भावना फैलाने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।

राजनीति से प्रेरित हैं बयान
त्रिपाठी ने कहा कि भागवत का बयान स्वामी प्रसाद मौर्य के वक्तव्य के बाद से एसटीएससी, बैकवर्ड का सपा और अन्य दलों की तरफ झुक रहा है। उसको दबाने के लिए इस तरह का बयान दिया गया है। बीजेपी खुद कह रही है कि ब्राह्मण जाएगा कहां? मोहन भागवत का बयान इसलिए आया कि बीजेपी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का विरोध नहीं कर पा रही थी।

जेएनयू में लिखा गया 'ब्राह्मण भारत छोड़ो'
उन्होंने कहा कि मोहन भागवन ने यह स्पष्ट कर दिया कि ब्राह्मण की वजह से जाति व्यवस्था है। ब्राह्मण ने ही सबको तकलीफ दी है, इस ब्राह्मण ही गलत है। जेएनयू में जो लिखा गया कि ब्राह्मण भारत छोड़ो वो भी आरएसएस की मानसिकता का प्रतीक है। यह जानबूझ कर लिखवाया गया ब्राह्मणों के खिलाफ।

कलयुग का विभीषण
त्रिपाठी ने कहा कि हम ब्राह्मण लोग सड़क पर लड़ाई झगड़ा तो कर नहीं पाएंगे। हम लोगों की गाड़ियां पलटा दी जाती हैं, घरों पर बुलडोजर चला दिए जाते हैं। हमारे आराध्य हनुमान हैं, भय बिन न होय प्रीत। उनके द्वारा ही हम मोहन भागवत के अंदर भय पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत आप भी चितपावन ब्राह्मण हैं। हम लोग आज से आप को कलयुग का विभीषण बोलेंगे। आप का यह बयान देश में हिंसात्मक प्रदर्शन करा देगा। मोहन भागवत को अपना बयान वापस लेना पड़ेगा।

Post Top Ad