लखनऊ (मानवी मीडिया) गोमती नगर के विपिन खंड में बने जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय सेंटर (जेपीएनआइसी) की जांच का अता-पता नहीं है। जो लखनऊ विकास प्राधिकरण ने थर्ड पार्टी के तौर पर भारत सरकार की राइट्स संस्था को सौंपी थी। टीम ने जांच पूरी न होने पर कुछ दिन का समय मांगा था।
करोड़ों के घोटाले से घिरा जेपीएनआई का संचालन अब तक नहीं हो पाया है। जिसकी कई बार जांच कराई जा चुकी है। लेकिन, किसी तरह के नतीजे पर जिम्मेदार नहीं पहुंच पाए हैं। इधर, संचालन पर जोर रहा तो पिछले माह लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने एक बार फिर थर्ड पार्टी के तौर पर जांच भारत सरकार की राइट्स संस्था को दी थी। जिसमें शामिल 16 अधिकारियों की टीम ने अभिलेख लेकर भूमि खरीद, निर्माण व टेंडर समेत सभी बिंदुओं पर जांच की थी। एलडीए ने संस्था से 15 जनवरी तक रिपोर्ट मांगी थी। जो टीम तय समय पर रिपोर्ट नहीं दे पाई थी। इस पर टीम ने तीन से चार दिन का समय और मांगा था। लेकिन तब से जांच का पता नहीं है। इधर, जी-20 और इन्वेस्टर्स समिट के कारण मामला ठंडा पड़ गया है।
813 करोड़ रुपये हुए खर्च
जेपीएनआईसी के निर्माण में 813 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। शेष कार्य के लिए 50 करोड़ रुपये और खर्च होने हैं। मौके पर टीम ने कितना कार्य हुआ, कितना शेष, कार्य में अंतर, मानक के विपरीत क्या हुए कार्य आदि बिंदु जांचे थे। इसके बाद टीम ने एलडीए कार्यालय में फाइलें खंगाली थी। खर्च धनराशि का मिलान किया था। जांच में एलडीए के अधिकारियों को भी सहायता के लिए लिया गया था। लेकिन, अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि आगे की जानकारी नहीं है। कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी लंबित काम पूरे किए जाएंगे।