परिवहन निगम में कार्यरत अनिल कुमार, विनोद कुमार शुक्ला एवं एल०के०त्रिवेदी निलंबित - मानवी मीडिया

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Wednesday, February 15, 2023

परिवहन निगम में कार्यरत अनिल कुमार, विनोद कुमार शुक्ला एवं एल०के०त्रिवेदी निलंबित

 


लखनऊः (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रस्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति एवं परिवहन मंत्री के निर्देशों के अनुपालन में आज उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक  संजय कुमार द्वारा  अनिल कुमार, क्षेत्रीय प्रबन्धक उ०प्र० परिवहन निगम, सहारनपुर क्षेत्र को सहारनपुर क्षेत्र के संचालन प्रतिफलों में गिरावट लाने लाभदायिकता में कमी लाने, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने अधीनस्थ अधिकारियों/उपाधिकारियों/कार्मिकों पर पर्यवेक्षीय नियंत्रण शिथिल रखने, निगम की छवि जनमानस में धूमिल करने, मागों पर सघन प्रभावी निरीक्षण न करने निगम को वित्तीय क्षति पहुँचाने के उल्लंघन में अनुशासनिक कार्यवाही प्रख्यापित करते हुए,  तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। इसी क्रम में श्री विनोद कुमार शुक्ला तत्कालीन सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक (संचालन), उ0प्र0 परिवहन निगम अलीगढ़ डिपो द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों एवं वादियों का भली भांति निर्वहन न करने, श्री श्रीराम चालक को ड्यूटी पर न लिये जाने के कारण विधिक स्थिति उत्पन्न होने, मा० न्यायालय के समक्ष निगम की छवि धूमिल करने, मा० उच्च न्यायालय द्वारा में पारित निर्णय से अवगत न कराने, बिना समूचित कारण के चालक से कार्य न लेने, मनमानेपन से कार्य करने एवं अपने कार्यों में लापरवाही शिथिलता बरतने, मुख्यालय के निर्देशों की अनदेखी करने के उल्लंघन प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाते निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा श्री एल०के० त्रिवेदी प्रभारी सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, सहारनपुर डिपो, सहारनपुर क्षेत्र द्वारा सहारनपुर डिपो के संचालन प्रतिफलों में सुधार हेतु सार्थक प्रयास न करने, प्रतिफलों में गिरावट आने, डीजल औसत में कमी आने, निगम को हानि पहुँचाने, प्रशासनिक नियंत्रण शिथिल रखने, सायरनपुर डिपो की वाहन सं० यू०पी०11एजे 0301 में 12 बिना टिकट यात्री पाये जाने तथा परिचालक द्वारा यात्रियों को जाली टिकट दिये जाने, आष्टाचार में संलिप्त रहने तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, मार्गो की सघन चेकिंग न करने, लाभदायकता में कमी लाने, पदीय कर्मणो एवं दायित्वों का निर्वहन न करने, मुख्यालय के निर्देशों की अवहेलना करने आदि के उल्लंघन किये जाने आदि गम्भीर आरोपों के प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाते हुए निलंबित कर दिया गया है।

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