नोएडा: (मानवी मीडिया) दिल्ली एनसीआर से सटे ग्रेटर नोएडा में पाकिस्तानी नागरिकों की संपत्तियों का पता चला है। ये पाकिस्तानी नागरिक कभी भारत का हिस्सा हुआ करते थे, हालांकि बंटवारे और युद्ध के दौरान इन्होंने भारत छोड़ दिया। इसके हाल के एक सर्वे में इसका पता चला। इसमें जानकारी सामने आई कि ग्रेटर नोएडा में एक दो नहीं बल्कि 64 ऐसी संपत्ति है, जो पाकिस्तानी नागरिकों के नाम पर दर्ज है।
जिले में शत्रु संपत्तियों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए सर्वे पूरा हो गया है। 64 शत्रु संपत्तियों की जानकारी सामने आई है। एडीएम प्रशासन कल (सोमवार) इसकी रिपोर्ट बनाकर गृह मंत्रालय और कस्टोडियन विभाग को भेज सकते हैं। केंद्र सरकार शत्रु संपत्ति बेचने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जिला प्रशासन से इनका डेटा मांगा गया था। पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर गौतमबुद्ध नगर से सर्वे शुरू हुआ। जिले में इसकी शुरुआत दादरी तहसील से हुई। बरौला के आठ, हाजीपुर के चार और शाहबेरी के नौ खसरा नंबर में भी शत्रु संपत्ति मिली हैं।
क्या है शत्रु संपत्ति
शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 संसद में पारित एक अधिनियम है। इसके तहत शत्रु संपत्ति पर भारत सरकार का अधिकार होगा। अधिनियम के अनुसार जो लोग बंटवारे या 1965 और 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान चले गए, साथ ही वहां की नागरिकता ले ली थी, उनकी सारी अचल संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था।