किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि बीड़ी-सिगरेट पीने या अन्य किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन करने वालों को करीब 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की पूरी सम्भावना रहती है। इसमें मुंह व गले का कैंसर प्रमुख हैं। यही नहीं धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों तक तो करीब 30 फीसद ही धुँआ पहुँचता है बाकी बाहर निकलने वाला करीब 70 फीसद धुँआ उन लोगों को प्रभावित करता है जो कि धूम्रपान करने वालों के आस-पास रहते हैं। यह धुँआ (सेकंड स्मोकिंग) सेहत के लिए और भी खतरनाक होता है।
डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि कैंसर से बचने के लिए नशे से दूर रहें और फास्ट फ़ूड के सेवन से बचें। बढ़ता वायु प्रदूषण भी कैंसर का एक बड़ा कारण बन रहा है, इसलिए अपने आस-पास के वातावरण को दूषित होने से बचाएं। कैंसर से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाना और तनाव मुक्त जीवन गुजारना बहुत जरूरी है। हरी साग-सब्जी और फल का नियमित रूप से सेवन करें। कुछ वक्त व्यायाम और प्राणायाम के लिए जरूर निकालें क्योंकि बीमारियों से सुरक्षित बनाने में इनका अहम योगदान है।