बलरामपुर अस्पताल के निदेशक ने कहा कि आज से फाइलेरिया से बचाव के लिए घर-घर दवा खिलाए जाने का जो अभियान शुरू हुआ है वह 27 फरवरी तक चलेगा | स्वास्थ्यकर्मी जब भी घर पर दवा खिलाने आयें तो दवा का सेवन जरूर करें | दवा पूरी तरह सुरक्षित है |इस मौके पर डा. बाजपेयी ने कहा कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो किसी को हो गयी तो ठीक नहीं होती है | व्यक्ति का जीवन दुखदायी हो जाता है | इससे बचाव यही है कि फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया जाये | उन्होंने कहा कि यह बीमारी कोई नई नहीं है लेकिन इसको नियंत्रित और खत्म करने के तरीके नए हैं | आज हम फाइलेरिया के नए संक्रमण को रोकने में समर्थ हैं |
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बिमल बैसवार ने स्वयं दवा का सेवन किया और सभी से दवा खाने की अपील की | उन्होंने कहा कि मिलजुल कर इस बीमारी से बचाव के तरीकों को अपनाना है, क्योंकि आज हमारे पास संसाधन है, दवायें हैं, मरीज की देखभाल से लेकर देखभाल करने वालों को समुदाय का सहयोग है, जिससे कि फाइलेरिया से बचाव और इसके संक्रमण के प्रसार के लिए हरसंभव कार्य किये जा सकें| इसके लिए सभी आशा या स्वाथ्यकर्मियों के सामने दवा का सेवन जरूर करें | यदि यह संभव न हो तो अगले ही दिन नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) या स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर दवा लें और सेवन करें| आइए हम सब एकजुट होकर इस बीमारी से लड़ें|
उन्होंने बताया कि 27 फरवरी तक चलने वाले आईडीए अभियान के तहत दो साल से ऊपर के सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी | दो साल तक के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को इस दवा का सेवन नहीं करना है | इस अभियान के तहत जनपद की करीब 51 लाख आबादी को दवा खिलाई जाएगी |
नोडल अधिकारी ने बताया- खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है | स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर - घर जाकर अपने सामने ही लोगों को दवा का सेवन करायेंगे |
जिला मलेरिया अधिकारी ऋतु श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र ने भारत सेइस बीमारी को साल 2027 तक प्राथमिकता से समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है |
इस अवसर पर उपस्थित सभी स्वास्थ्य अधिकारियों, स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में आम जनता ने दवा का सेवन किया । डा. ऋतु ने बताया कि अभियान के पहले दिन दवा सेवन के दुष्प्रभाव की कोई घटना सामने नहीं आई है |
इस अवसर पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सोमनाथ सिंह, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, सीएचसी अधीक्षक डा. ज्योति कामले, मलेरिया निरीक्षक, यूनिसेफ , स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर),पीसीआई और पाथ के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में अस्पताल के कर्मचारी उपस्थित रहे ।