20लाख करोड़ इन्वेस्टमेंट समिट में लाए जाने की चर्चा है, पहले भी भाजपा सरकार ने डिफेंस एक्सपो के नाम पर बुंदेलखंड में मिसाइल और बम बनाने की बात कहीं थी। आज तक वो धरातल पर नहीं उतरे। भाजपा बताएं कितने बेरोजगारों को रोजगार दे पाई।
उद्योगपतियों को लुभाने और जनता को चकाचौंध से भ्रमित करने पर करोड़ों का अपव्यय किया जा रहा है। विज्ञापन, सजावट, खानपान और स्वागत सत्कार के तमाम खर्च जोड़ लिए जाए तो शायद उतना तो निवेश भी नहीं आने वाला है जितना निवेशक समिट में खर्च हो रहा है।
सरकारी खर्च पर पार्कों में, डिवाइडरों पर और सड़कों के किनारे मौसमी फूल खिल रहे हैं। दीवारों पर पेंटिंग बनाई गई है। अगर वृक्षारोपण के नाम पर खानापूरी नहीं की जाती और उनका रखरखाव समय से होता तो आज रात दिन जुटकर हरियाली दिखाने को अफसरान हलकान नहीं होते। शहर में नालों को ढंकने के लिए पर्दो से ढंकना नहीं पड़ता। गरीबों की झोपडियां पर्दो के पीछे छुप गई हैं।
इधर एक सप्ताह से राजधानी में दिखावटी सजावट में पूरी सरकार के अधिकारी रात दिन जुटे हुए हैं। अचानक लखनऊ के पेड़ों में रंग बिरंगी लाइटें उग आई हैं हर तरफ चमकदमक है। लखनऊ रंगीन रोशनी में नहाया हुआ है। यहां का हर कोना सजा है।
उत्तर प्रदेश में निवेश के नाम पर राज्य के साथ धोखा है। विगत 6वर्ष में जबसे भाजपा सत्ता में आई है। धेले भर का कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। समाजवादी सरकार में गोमती रिवरफ्रंट बना उसके सौंदर्य को बाहरी उद्यमियों को दिखाया जा रहा है। लखनऊ में मेट्रो रेल चल रही है वह समाजवादी सरकार में बनी। शानदार जेपी इंटरनेशनल सेंटर समाजवादी पार्टी की सरकार में बना जिसे भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया। इसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ऑडिटोरियम, कांफ्रेंस हाल, गेस्ट हाउस के अलावा हेलीपैड भी था। यदि यह चालू होता तो सरकारी खर्च भी बचता और आगंतुकों को बेहतर सुविधा भी मिलती।
समाजवादी सरकार में 6 लेन और 4 लेन की सड़कें बनी। एम्स और मेडिकल कॉलेज बने, तीर्थस्थलों का सौंदयीकरण हुआ, शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में तमाम काम हुए। समाजवादी सरकार में निवेशक आए, उन्होंने आईटी हब, दूध प्लांट और अन्य उद्योग लगाए। भाजपा उन्हीं को अपना बताकर काम चला रही है।
उत्तर प्रदेश में पूंजी निवेश हो या न हो लेकिन भाजपा सरकार ने प्रचार-विज्ञापन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। सवाल यह है कि अब तक जो एमओयू हुए है उनका जमीनी स्तर पर क्या नतीजा निकला? भाजपा सरकार अब तक पिछले एमओयू का ब्यौरा नहीं दे पाई है। जनता देख रही है कि भाजपा कब तक जनता को झूठे सपने दिखाकर बहकाती रहेगी।