मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के घातक असलहे को क्लीयरेंस देने वाले अधिकारी से 10 घंटे पूछताछ - मानवी मीडिया

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Saturday, February 25, 2023

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के घातक असलहे को क्लीयरेंस देने वाले अधिकारी से 10 घंटे पूछताछ

 

लखनऊ (मानवी मीडिया)माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के घातक असलहे को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट से गैरकानूनी तरीके से क्लीयरेंस देने वाले तत्कालीन कस्टम अधिकारी कुलदीप से एसटीएफ ने दस घंटे तक पूछताछ कर बयान दर्ज किया। कुलदीप अभी जीएसटी में कार्यरत है। एसटीएफ ने आईजीआई एयरपोर्ट में तैनात रहे कस्टम के तत्कालीन सहायक निदेशक और उप निदेशक को भी तलब किया है।

दरअसल, अब्बास अंसारी अगस्त 2016 में स्लोवानिया से ब्लॉजर राइफल लेकर आया था। यह राइफल निशानेबाजी के लिए इस्तेमाल की जाती है। हालांकि, अब्बास जो बैरल लेकर आया था, वे प्रतिबंधित बोर के कारतूसों के लिए इस्तेमाल होते हैं। इतना ही नहीं, कस्टम ड्यूटी नहीं चुकाने के लिए राइफल की जगह केवल उसके बैरल और पार्ट्स लाना दर्शाया गया। उस दौरान अब्बास के पर्सनल बैगेज को कस्टम सुप्रीटेंडेंट कुलदीप ने आंख मूंद कर क्लीयरेंस दे दी। उन्होंने स्लोवानिया में खरीदी गई राइफल की रसीद का परीक्षण करने की जहमत तक नहीं की। बाद में अब्बास ने अपने शस्त्र लाइसेंस में इसे राइफल के रूप में दर्ज करा लिया।

सर्च वारंट लिया तो ढीले पड़े तेवर

इस मामले में पूछताछ के लिए एसटीएफ लगातार एयरपोर्ट के कस्टम अधिकारियों से संपर्क कर बयान दर्ज करने बुला रही थी। इस बारे में यूपी पुलिस के अधिकारियों ने कस्टम के वरिष्ठ अधिकारियों से बात भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जब एसटीएफ ने एयरपोर्ट के कस्टम ऑफिस की छानबीन के लिए सर्च वारंट लिया तो मामला अदालत में चला गया। अदालत से कस्टम को कोई राहत नहीं मिली जिसके बाद उनके तेवर ढीले पड़ गए और बयान देने आ गये।

झांसा देकर पिस्टल भी लाया

इसी तरह अब्बास अंसारी कस्टम को झांसा देकर पिस्टल भी लाया था। वह बिना कस्टम ड्यूटी दिए एयरपोर्ट के रेड चैनल को पार कर गया था। जब एसटीएफ ने कुलदीप से इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि रविवार को रेड चैनल और ग्रीन चैनल में स्क्रीनिंग में ज्यादा ध्यान नहीं देने का अब्बास ने फायदा उठाया था।

अधिकारियों पर फोड़ा ठीकरा

अपने बयान में कुलदीप ने एयरपोर्ट पर तैनात वरिष्ठ अधिकारियेां पर इस गड़बड़ी का ठीकरा फोड़ दिया। उसने अपने बचाव में कहा कि रायफल के पार्ट्स और रसीद की जांच करने का जिम्मा वरिष्ठ अधिकारियों का था। जब एसटीएफ ने उनकी जिम्मेदारी को लेकर सवाल किए तो उसने चुप्पी साध ली।

एयरपोर्ट से स्पोर्ट्स कोटे के असलहे लाने के लिए पहले बुकिंग करानी होती है। जल मार्ग से लाने का भी यही नियम है। अब्बास ने कस्टम ड्यूटी नहीं चुकाने और स्पोर्ट्स कोटे की जगह घातक हथियार लाने के लिए पर्सनल पैकेज का तरीका चुना।

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