यूपी (मानवी मीडिया) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों के पढ़ने से जुड़े पत्र के मामले में उत्तर प्रदेश में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि मुस्लिम मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चा क्यों पढ़ रहा है इसकी जानकारी दी जाए कि वह यहां कैसे आया. प्रदेश में जब गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे हुआ उस दौरान यह जानकारी भी प्राप्त हुई थी कि वहां पर हिंदू बच्चे यानी गैर मुस्लिम बच्चे भी पढ़ रहे हैं. इन मदरसों में जहां पर इस्लामिक शिक्षा दी जा रही है वहां हिंदू बच्चा किन परिस्थितियों में आया, इसकी जानकारी रखनी चाहिए. इन बच्चों को वहां से हटाने की बात राष्ट्रीय आयोग (NCPCR) ने कही है.
और क्या कहा डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने
शुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे हुआ था उसमें 8 हजार से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले थे. उन मदरसों की लिस्ट भी राष्ट्रीय आयोग को दी गई. उसमें यह भी बताया कि वहां किन-किन धर्म के बच्चे पढ़ रहे हैं. डॉ. शुचिता ने बताया कि वह भी जब निरीक्षण पर गयीं तो देखा कि मदरसों में हिन्दू बच्चे भी पढ़ते हैं. फिरोजाबाद और उरई में अल्पसंख्यक अधिकारी ने कहा कि वहां हिंदू बच्चे पढ़ते हैं. अगर और निरीक्षण करेंगे तो और चीजें भी निकल कर आएंगी.
शुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि, राष्ट्रीय आयोग से ये जानने के लिए पत्र जारी किया गया कि क्या वजह है जो हिंदू बच्चा वहां पढ़ रहा है. कहा जाता है कि मदरसों में गरीब बच्चा पढ़ता है, तो गरीब बच्चों के लिए सरकार के पास अनेक योजनाएं हैं. राइट टू एजुकेशन एक्ट है जिसके तहत अच्छे विद्यालय में 12वीं तक शिक्षा ले सकता है. फिर मदरसे में जाने की स्थिति क्यों बन गई, जहां केवल इस्लामिक शिक्षा दी जा रही है. उससे कोई ग्रोथ भी नहीं हो रहा तो फिर बच्चा वहां क्यों गया. मुझे लगता है जानकारी जब सामने आएगी तो उसमें से कुछ निकल कर आएगा.
मदरसों का होगा आधुनिकीकरण-शुचिता
डॉ. शुचिता ने कहा जो यह कहते हैं कि मदरसों में अन्य विषय पढ़ाये जाते हैं वह गलत कहते हैं. उनके पास सभी विषय पढ़ाने के लिए टीचर ही नहीं हैं. अभी सरकार ने कहा कि मदरसे में शिक्षक भर्ती के लिए भी टीईटी कराया जाएगा. अब असल में मदरसों का आधुनिकीकरण होगा जब वहां टीईटी और बीटीसी टीचर जाएगा. अभी वहां दीनी तालीम ही देते हैं. कक्षा 1 से लेकर 12 तक मदरसे सिर्फ दीनियात की तालीम देते हैं क्योंकि इनका शिक्षक ही वहीं से आया है.