मंत्रालय ने क्रिकेटर ऋषभ पंत से जुड़ी दुर्घटना का हवाला दिया, जिसमें मंत्रालय ने कहा, दुर्घटना में घायल क्रिकेटर की दर्दनाक तस्वीरें और वीडियो को बिना ब्लर करके दिखाया गया। मंत्रालय ने कहा, टीवी चैनलों ने व्यक्तियों के शव और तस्वीरें, आसपास खून के छींटे घायल व्यक्तियों के वीडियो, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित लोगों को नजदीक से बेरहमी से पीटते हुए, लगातार रोते हुए दिखाया है। कई मिनटों तक बार-बार दिखाई जाती हैं, जिससे यह और भी भयानक हो जाता है।
बयान में आगे कहा गया, इस तरह की घटनाओं की रिपोटिर्ंग का तरीका दर्शकों के लिए अरुचिकर और परेशान करने वाला होता है। एडवाइजरी में आगे कहा गया,टीवी, आमतौर पर घरों में परिवारों द्वारा देखे जाने वाला एक प्लेटफॉर्म है, जिसमें सभी समूहों के लोग वृद्ध, मध्यम आयु वर्ग, छोटे बच्चे आदि शामिल है। विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के साथ, प्रसारकों के बीच जिम्मेदारी और अनुशासन की निश्चित भावना रखें, जो प्रोग्राम कोड और विज्ञापन कोड में निहित हैं।