नई दिल्ली: (मानवी मीडिया) पिछले साल 26 जनवरी को जब पूरा देश गणतंत्र दिवस पर जश्न मना रहा था तो 20 साल की एक महिला के साथ विवेक विहार के कस्तूरबा नगर में हैवानियत हो रही थी। आरोपियों ने महिला को अगवा कर न सिर्फ उसको गंजा कर दिया बल्कि उसका मुंह काला कर उसे पूरे मोहल्ले में घुमाया। बाद में एक मकान में ले जाकर नाबालिगों ने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया। घटना के बाद खूब हंगामा हुआ। पुलिस ने एक-एक कर मामले में कुल 21 लोगों को पकड़ा। इनमें 12 महिलाएं, चार पुरुष और पांच नाबालिग शामिल थे। इनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया। घटना के एक साल बाद आखिर क्या हुआ और अब पीड़िता की कैसी हालत है, संवाददाता ने इसकी पड़ताल करने की कोशिश की।
पड़ताल के दौरान पता चला कि महिला के जिस्म पर लगे जख्म तो अब भर चुके हैं, लेकिन जो जख्म उसकी आत्मा को लगे थे, वह अभी वैसे के वैसे ही हरे हैं। महिला अभी भी मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। वह पति और बच्चे के साथ अपनी ससुराल में मौजूद है। परिजनों के मुताबिक उसने लोगों से लगभग मिलना छोड़ दिया है। वह पति के साथ अज्ञात स्थान पर रहती है जहां उसके परिवार को ही उसके घर का पता है।
पीड़िता की छोटी बहन ने बताया कि इसी 19 जनवरी को बीमारी के बाद उसके पिता की मौत हो गई। मां की पहले ही मौत हो गई थी। अब पिता भी चले गए। पीड़िता की बहन ने बताया कि वह अभी अपनी नानी के घर हरियाणा में है जबकि उसकी बहन दिल्ली में अपने परिवार के साथ है। बृहस्पतिवार को वह दिल्ली वापस आएगी। अब वह ही परिवार में अकेली बची है। उसकी बड़ी बहन तो पति व बच्चे के साथ रहती है।
जब उसकी बहन के साथ वारदात हुई तो आरोपियों ने परिवार पर दबाव बनाने का प्रयास किया था। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। मामले में कई आरोपी जेल से जमानत लेकर बाहर आ गए हैं। पीड़िता की बहन का कहना था कि अब उसे इन लोगों से खतरा बना रहता है। पुलिस ने मामले में 762 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें 26 वीडियो पेश करने के अलावा 48 लोगों को गवाह बनाया गया है।
इसमें महिला को अगवा करने, सामूहिक दुष्कर्म, स्त्री की मर्यादा हनन, दंगा करने समेत कई धाराएं शामिल हैं। कस्तूरबा नगर इलाके में पिछले साल एक नाबालिग लड़के ने आत्महत्या कर ली थी। उसकी मौत के लिए 20 साल की महिला को आरोप लगाकर 20-25 लोगों ने महिला के साथ 26 जनवरी को हैवानियत की थी।