नई दिल्ली. (मानवी मीडिया) समुद्र में प्लास्टिक से होने वाले नुकसान की चिंता इन दिनों बढ़ गई है. इसी सप्ताह समुद्री जीवों को प्लास्टिक के प्रदूषण से बचाने के लिए कई देश एक वार्ता पर सहमत हुए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि समुद्र में प्लास्टिक की खोज पहले किसने की थी. यह खोज कब की गई थी और दुनिया के सामने इसे एक गंभीर मुद्दा बनने में कितने साल लग गए. इस तमाम सवालों का जवाब हम यहां आपको देने जा रहे हैं.
BBC के अनुसार साल 1971 में, समुद्री जीवविज्ञानी एडवर्ड कारपेंटर ने अटलांटिक महासागर में अमेरिका के पूर्वी तट से हजारों मील दूर प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े खोजते हुए चौंकाने वाली खोज की थी. उन्होंने बीबीसी को एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे 50 से अधिक सालों के बाद भी दुनिया को अपनी खोज पर ध्यान दिलाने के लिए एक वैज्ञानिक को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का अनुमान है कि लगभग एक करोड़ 30 लाख टन प्लास्टिक हर साल महासागरों में पहुंचता है. समुद्र में प्लास्टिक की समस्या लंबे समय से रही है. लेकिन उसे जितनी गंभीरता से लेना चाहिए था, उतना नहीं लिया गया. अपनी खोज के बारे में एडवर्ड कारपेंटर कहते हैं कि ‘जब भी मैं जाल को समुद्र में डालता था, मुझे प्लास्टिक मिलता था. यह मेरे लिए आश्चर्यजनक था. क्योंकि हम धरती से बहुत दूर थे.’
वह आगे कहते हैं कि ‘इसके बाद मैं प्लास्टिक को इकट्ठा करने लगा. उसे उसके वजन और आकार के हिसाब से छांटने लगा. उस समय लगभग 3500 प्लास्टिक प्रति वर्ग किलोमीटर होने का अनुमान लगाया गया. प्लास्टिक अलग-अलग प्रकार के थे. कुछ काफी नुकीले थे तो कुछ गोल आकार के प्लास्टिक थे. यह उस तरह का कच्चा प्लास्टिक था, जिसे बाजार में प्लास्टिक निर्माणकर्ता फेब्रिकेटर को बेचते थे. इससे उस समय खिलौने और अन्य प्लास्टिक के सामान बनाए जाते थे.