केरल (मानवी मीडिया) प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) जेल में बंद उन पीएफआई कार्यकर्ताओं के समर्थन में सामने आई है, जो केरल सरकार के वसूली कार्यक्रम के तहत अपनी संपत्ति गंवा चुके हैं।
पीएफआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ वसूली की कार्रवाई पिछले सितंबर में संगठन द्वारा आहूत हड़ताल के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देश के आधार पर शुरू की गई थी। बृहस्पतिवार को यहां आयोजित एक जनसभा में एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैसी ने कहा कि राजस्व वसूली प्रक्रिया के कारण कोई भी बेघर नहीं होगा।
फैसी ने कहा, जो लोग संपत्ति की कुर्की पर खुश हो रहे हैं, मैं उनसे कहना चाहूंगा कि जब तक एसडीपीआई कार्यकर्ता जीवित हैं, कोई भी बेघर नहीं होगा। एसडीपीआई ने इससे पहले प्रतिबंध की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि यह देश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए अघोषित आपातकाल का हिस्सा है।
एसडीपीआई गैरकानूनी संगठनों की सूची में नहीं आता है। उसने कहा था कि पीएफआई और संबद्ध संगठनों पर प्रतिबंध भारतीय लोकतंत्र और देश के लोगों को इसके संविधान द्वारा अधिकृत अधिकारों के खिलाफ एक चुनौती है। केरल सरकार ने 23 जनवरी को उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने वसूली कार्रवाई के तहत 248 पीएफआई कार्यकर्ताओं की संपत्ति को कुर्क किया है।