बरेली (मानवी मीडिया) प्रसव पीड़ा होने पर गर्भवती को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। गर्भवती काफी देर तक दर्द से कराहती रही, मगर डॉक्टर ने सुध नहीं ली। परिजनों का आरोप है कि समस्या बताने के बाद भी डॉक्टर ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। मरीज की हालत बिगड़ने पर घरवाले डिस्चार्ज कराकर उसे निजी अस्पताल में ले गए।
भमोरा क्षेत्र के गांव झिंझरी निवासी सुनील ने बताया कि उनकी पत्नी नौ माह की गर्भवती है। शनिवार दोपहर करीब 3 बजे उन्हें जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया। आरोप है कि उन्हें कोई डाक्टर देखने नहीं आया। देर रात 11:30 बजे पत्नी की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उन्होंने डॉक्टर से देखने को कहा। इस पर डाक्टर ने उन्हें दूसरे अस्पताल में ले जाने बात कही। इस दौरान डॉक्टर और परिजनों के बीच तकरार हुई। जिसके बाद परिजन मरीज को डिस्चार्ज कराकर निजी अस्पताल लेकर चले गए।
डा. अनुपमा कटियार ने बताया कि मरीज के पास अल्ट्रासाउंड और न ही कोई जांच रिपोर्ट थी। तीन दिनों से मरीज को दिक्कत थी, लेकिन परिजन उसे लेकर नहीं आए। अस्पताल आने के बाद जब उनको समस्या से अवगत कराया तो परिजन गुस्से में यहां से मरीज को ले गए।