धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि मनुष्य को उसके अच्छे कर्मों का फल अवश्य मिलता है। आप अपना आचरण सुधारें,जिससे कि आपका शेष जीवन और अगला जन्म दोनों सुधर सके। उन्होंने कहा कि जेलों में बहुत से ऐसे बंदी हैं, जिनसे मिलने या तो कोई नहीं आता या 1 साल/6 माह में कभी कभार आता है, ऐसे कैदियों को कंबल मिलना चाहिए, उनको कंबल मिले इसके लिए हमने स्वयंसेवी संस्थाओं से वार्ता की और कंबल वितरण का कार्यक्रम रखवाया। हमारे जेल प्रशासन के लोग भी कंबल वितरण का कार्य कर रहे हैं।
धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि समाज को भी बदलने की जरूरत है। लोग प्रयास करें कि छोटे-मोटे झगड़े आपसी प्रयासों से ही सुलझाए, जिससे कि अनायास लोगों को जेल न जाना पड़े,तभी इसमें सकारात्मक परिवर्तन आएगा और जेलों में भीड़ भी तभी कम होगी। उन्होंने कहा कि जेलों में गरीब परिवार के बच्चे अधिक बंद है। यह यदि बाहर होते तो अपने परिवार की आय का साधन बनते। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में मदद करते और मां-बाप को आराम मिलता।
मकर संक्रांति के इस अवसर पर 110 कम्बल माननीय मंत्री के सौजन्य से, 700 अंगवस्त्र (स्वेटर,सलवार, पेंट शर्ट इत्यादि) सौभाग्य फाउंडेशन की सिम्मी प्रजापति एवं एच०ए०एल एसोसिएशन एससी/एसटी की ओर से, 100 कंबल ऑलमाइटी शिवा एसोसिएशन के आदित्य पचौरी, राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ के प्रवेश भारद्वाज द्वारा सौ कंबल, आदिल विश्व गायत्री परिवार की तरफ से 1000 सद साहित्य की पुस्तकें वितरित की गई।