नई दिल्ली (मानवी मीडिया): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट संसद में पेश करने जा रही है। अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा और इस लिहाज से यह कहा जा रहा है कि निर्मला सीतारमण के इस बजट में चुनावी झलक भी साफ-साफ दिखाई देगी।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दल जिन मुद्दों के सहारे लगातार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करती आ रही है या आने वाले दिनों में घेरने की कोशिश करेगी या लोक सभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश करेंगी, उन तमाम मुद्दों की काट इस बार के बजट में दिखाई पड़ सकती है। वैसे भी चुनावी राजनीति में अब तक अजेय रहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह काम करने का राजनीतिक स्टाइल है कि वो अपने चुनाव में उतरने से पहले विपक्ष को मुद्दाविहीन बनाकर उसे अपने पिच पर उतरने को मजबूर कर देते हैं।
इस लिहाज से यह माना जा रहा है कि मोदी सरकार के इस आखिरी पूर्ण बजट के पिटारे से सबके लिए कुछ न कुछ सौगातें निकलने वाली हैं। बजट को लेकर सरकार की तैयारियों और रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहा जा रहा है कि मोदी सरकार तमाम कल्याणकारी योजनाओं में कुल मिलाकर आवंटित राशि में बड़ी बढ़ोतरी कर सकती है।
बेरोजगारी के मसले पर विपक्षी दलों की तरफ से लगातार राजनीतिक हमले का सामना कर रही मोदी सरकार अपने आगामी बजट में रोजगार के अवसरों और संख्या को बढ़ाने पर खासा ध्यान देने जा रही है। इसके लिए आधारभूत सरंचना के साथ ही छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए विशेष घोषणा की जा सकती है। शहरी के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी रोजगार के अवसरों को बढ़ाने पर और ध्यान दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के सबसे बड़े साधन मनरेगा योजना में आवंटित धनराशि को भी इस साल बढ़ाया जाएगा। खेती-किसानी के साथ ही कृषि और कृषि से जुड़े अन्य क्षेत्रों के लिए भी विशेष घोषणा करते हुए सरकार अपना खर्च बढ़ाएगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार में बढ़ोतरी के साथ ही लोगों की आय भी बढ़े क्योंकि इससे एक तरफ जहां मांग बढ़ेगी वहीं दूसरी तरफ मांग बढ़ने से अर्थव्यवस्था में तेजी भी आएगी। महंगाई से त्रस्त लोगों को राहत देने के लिए भी सरकार बजट में महत्वपूर्ण घोषणा कर सकती है।
सरकार करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए आयकर की दरों में कमी की घोषणा के साथ ही जीएसटी के मोर्चे पर भी बड़ा ऐलान इस बार के बजट में कर सकती है। आगामी लोक सभा चुनाव को देखते हुए सरकार मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा आयकर दाता और सरकारी कर्मचारियों के साथ ही छोटे और मझोले स्तर के कारोबारियों को भी इस बार के बजट में अच्छी खबर दे सकती है। इसमें वोटरों को लुभाने के लिए लोकलुभावन योजनाओं और वादों की भरमार हो सकती है।