लखनऊ (मानवी मीडिया) यूपी में भयंकर ठंड के बीच जहां एक तरफ बिजली की डिमांड रिकॉर्ड स्तर पर है तो वहीं दूसरी तरफ यूपीपीसीएल उपभोक्ताओं को जोर का झटका देने की तैयारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक यूपीपीसीएल उपभोक्ताओं को बढ़ी बिजली दरों का झटका जल्द लग सकता है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2023-24 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) और टैरिफ प्रस्ताव दायर करने के लिए बिजली कंपनियों को दो माह का अतिरिक्त मोहलत देने से इनकार कर दिया है।
नियामक आयोग के आदेश के बाद पावर कारपोरेशन एआरआर और टैरिफ प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में जुटा है। जल्द ही आयोग में प्रस्ताव दाखिल किया जाएगा। हालांकि बिजली की दरें कितनी बढ़ाई जाएंगी। इससे उपभोक्ताओं पर कितना भार पड़ेगा। सरकार बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मानती है या नहीं। यह देखने वाली बात होगी। आने वाले समय में नगर निकाय चुनाव को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए यह मुश्किल भरा फैसला होगा।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के 2022-23 के नए टैरिफ की बात करें तो अभी बिजली की दरें ये हैं...
नोएडा एनपीसीएल इलेक्ट्रिसिटी चार्ज
150 किलोवाट प्रति माह - 5.50 रुपये प्रति यूनिट
151-300 - 6 रुपये प्रति यूनिट
301-500 - 6.50 रुपये प्रति यूनिट
500 से अधिक- 6.50 रुपये प्रति यूनिट
इसके अलावा हर किलोवाट के हिसाब से फिक्स चार्ज भी वसूला जाता है। यह प्रति किलोवॉट प्रति माह के लिए 110 रुपये है। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने आवासीय, कृषि औऱ व्यावसायिक प्रापर्टी पर पिछली बार बिजली की दरों मे 12 से 15 फीसदी का इजाफा किया था। लेकिन 4.28 फीसदी रेगुलेटरी सरचार्ज हटा लिया गया था।
इससे बढ़ोतरी की प्रभावी दरें 7 फीसदी के आसपास थीं. शहरी बिजली उपभोक्ताओं की दरें 4.90 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 5.50 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई थीं। जबकि 151 से 300 यूनिट तक संशोधित दरें 5.40 प्रति यूनिट से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया गया था। 301 से 500 यूनिट तक ये बिजली दरें 6.20 रुपये से बढ़ाकर 6.50 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई थीं। जबकि 500 से ज्यादा यूनिट के उपभोग पर ये दरें 7 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई थी।