नई दिल्ली (मानवी मीडिया): सुप्रीम कोर्ट ने आज एक और अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य या केंद्र सरकार के मंत्रियों, सासंदों/ विधायकों व उच्च पद पर बैठे व्यक्तियों की अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी पर कोई अतिरिक्त पाबंदी की जरूरत नहीं है। यह फैसला पांच जजों की संविधान पीठ ने सुनाया है। SC ने बोलने की आजादी पर ज्यादा पाबंदी से इनकार कर दिया है। जस्टिस एस ए नजीर ने इस पीठ की अध्यक्षता की। पांच जजों की पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना, न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना भी शामिल रहे। पांच जजों की पीठ ने कहा कि इसके लिए पहले ही कानून मौजूद हैं। साथ ही कहा कि किसी मंत्री के बयान पर सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसके लिए मंत्री ही जिम्मेदार है।
दरअसल क्या राज्य या केंद्र सरकार के मंत्रियों, सासंदों/ विधायकों व उच्च पद पर बैठे व्यक्तियों की अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी पर कोई अंकुश लगाया जा सकता है? इसपर पांच जजों के संविधान पीठ ने ये फैसला सुनाया है।