बैठक में योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि सड़क सुरक्षा वर्तमान परिपे्रक्ष्य में एक संवेदनशील विषय है, इस विषय में जागरूकता के प्रचार-प्रसार हेतु प्रदेश सरकार विगत 05 जनवरी से 04 फरवरी तक सड़क सुरक्षा माह का आयोजन कर रही है। सड़क दुर्घटनाओं में जान-माल की क्षति से बचने के लिए प्रदेश के नागरिकों द्वारा यातायात नियमों का पालन करना आवश्यक है तथा नागरिकों में यातायात नियमों को स्वयं आत्मसात करने वाले नैतिक मूल्यों का विकास करना शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देशित किया कि 21 जनवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम रन फार जी-20 में भी सड़क सुरक्षा के विषय को शामिल किया जाय। सभी स्कूलों, काॅलेजों में एक साथ किसी दिन सड़क सुरक्षा पर निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाय तथा विद्यालयों/काॅलेजों में होने वाली एसेम्बली में सड़क सुरक्षा हेतु शपथ दिलाई जाये। उन्होंने कहा सभी संस्थान में इन कार्यक्रमों के एक साथ आयोजन से हमारा प्रयास और प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग सड़क सुरक्षा को शीघ्र काॅलेज पाठ्यक्रम में शामिल करेगा, माध्यमिक तथा प्राथमिक में भी पाठ्यक्रम स्तर पर या नैतिक शिक्षा की पुस्तक में सड़क सुरक्षा से सम्बंधित अध्याय लाभप्रद होंगे।
बैठक में प्राथमिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए प्राविधिक काॅलेजों के छात्रों को प्रोजेक्ट वर्क के रूप में यातायात से जुड़ा कार्य दिया जायेगा। इसमें छात्र अपने शहर के व्यस्ततम टैªफिक वाले चैराहांें को सुव्यवस्थित करने का सुझाव देंगे। उन्होंने कहा कि समस्त शैक्षणिक संस्थानों में सड़क सुरक्षा जागरूकता से सम्बंधित होर्डिंग/पोस्टर आदि भी लगाया जाय।
बैठक में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के कुशल निर्देशन में आयोजित सड़क सुरक्षा अभियान को सफल बनाने में माध्यमिक शिक्षा विभाग भी अपने सहभागिता सुनिश्चित करेगा। विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे तथा छात्र लोगों को अधिक से अधिक संख्या में जागरूक करेंगे।
बैठक में व्यवसायिक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल, राज्य मंत्री उच्च शिक्षा रजनी तिवारी, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा डाॅ0 सुधीर एम0 बोबडे, विशेष सचिव प्राविधिक शिक्षा सहित सभी विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।