पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहा, “कई पुराने सहयोगी मित्रों से उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बनने पर मेरी मित्रता और भी अधिक गहरी बनीं उसमें सर्वोच्च थे श्री केशरीनाथ त्रिपाठी. जब भी वें पश्चिम बंगाल से अपने घर प्रयागराज जाने के लिए लखनऊ आते तो मुझसे मिले बगैर वह नहीं जाते थे. मुझे याद है आज भी वह दिन जब महाकुम्भ आयोजन कि पहली बैठक में अलाहाबाद को अपने मूल नाम प्रयागराज से ही संबोधित करने के मेरा सुझाव तुरंत स्वीकारने का फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया तब केशरीनाथ ने दूरभाष कर अत्यंत हर्षोल्हास से मुझे धन्यवाद दिए.”
वकील बने तो वरिष्ठ अधिवक्ता बने, विधायक बने तो मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष बने, राज्यपाल पद को भी आभूषित किया और एक साहित्यकार के नाते तो उनकी कीर्ति पुरे विश्व में थी. विश्व हिंदी सम्मेलनों में उनकी हाजिरी अनिवार्य होती थी. शायद ही ऐसा बहुमुखी प्रतिभासंपन्न व्यक्तित्व अब उत्तर प्रदेश में फिर से होगा.”
पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने अंत में कहा, “ हर खेत्र में अव्वल थे केशरीनाथ जी! वकील बने तो