हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी : अधिकारी गंगा की सफाई कर नहीं पा रहे या करना ही नहीं चाहते - मानवी मीडिया

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Thursday, January 5, 2023

हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी : अधिकारी गंगा की सफाई कर नहीं पा रहे या करना ही नहीं चाहते


इलाहाबाद (मानवी मीडिया हाईकोर्ट ने गंगा प्रदूषण मामले में जिम्मेदार अफसरों पर गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अफसर गंगा की सफाई नहीं कर पा रहे हैं या करना ही नहीं चाहते। कोर्ट ने सरकार का पक्ष रखने के लिए महाधिवक्ता को बुलाया है। बीते एक नवंबर को कोर्ट ने विभिन्न विभागों के हलफनामों में विरोधाभास को देखते हुए महाधिवक्ता को सभी की तरफ  से एक हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट पक्ष रखने का आदेश पारित किया था। अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह सरकार का पक्ष रखने आए तो सुनवाई टालते हुए कोर्ट ने कहा महाधिवक्ता स्वयं आएं। साथ ही शुक्रवार छह जनवरी को पुन: सुनवाई की तिथि तय की है। 

याचिका पर अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव सुनीता शर्मा व शैलेश सिंह ने पक्ष रखा। इनका कहना था कि कल छह जनवरी से माघ मेला शुरू हो रहा है। कोर्ट के आदेश के बावजूद गंगा में स्नान के लिए पर्याप्त पानी नहीं है। गंगा का पानी गंदा है और श्रद्धालु मेला क्षेत्र में आ चुके हैं। अधिकारी कोर्ट आदेश का पालन नहीं कर रहे। पॉलिथीन बैन की खानापूरी की गई है। नालों का गंदा पानी सीधे गंगा में जा रहा है।

न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि गंगा की स्वच्छता के नाम पर अधिकारी केवल पैसे खर्च कर रहे हैं। गंगा स्वच्छ नहीं हो रही हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की शोधन क्षमता से दोगुना पानी आ रहा। 60 फीसदी सीवर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़े गए हैं । शेष 40 फीसदी सीवर सीधे गंगा में गिर रहा है। नालों के बायोरेमिडियल शोधन की अधूरी प्रणाली से खानापूरी की जा रही है। केवल गंगा में पानी छोड़ने मात्र से गंगा साफ  नहीं होंगी।
कहा कि राजापुर, नैनी सहित कई ट्रीटमेंट प्लांट से फ्लो 120 एमएलडी आ रहा है, जबकि क्षमता 60 एमएलडी की है। कोर्ट को बताया कि एसटीपी से भी पानी शोधित नहीं हो पा रहा है। नगर निगम केवल एक ड्रम रखकर खाना पूर्ति कर रहा है। माघ के दौरान केवल 4000 क्यूसेक पानी छोड़ने से गंगा का जल शुद्ध नहीं हो पाएगा।

इस पर कोर्ट ने सरकार की तरफ  से पेश हुए अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह से स्थिति जाननी चाही। कोर्ट ने पूछा कि जल की शुद्धता के मामले में क्या किया गया। अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेश के तहत उन्होंने गंगा में गिर रहे नाले टैप्ड करा दिए हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र को पॉलिथीन मुक्त करने के लिए करवाई की जा रही है।

अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि दो दिन पहले मुख्य सचिव और डीजीपी मेले की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आए थे, लेकिन उन्होंने गंगाजल के शुद्धिकरण पर कोई करवाई नहीं की। ऐसा लगता है कि शासन इस मामले में चिंतित नहीं है। कल्पवासी गंदे और काले पानी में स्नान करने के लिए मजबूर हैं। मुख्य सचिव से इस बारे में पूछा जाए।

अधिवक्ता शैलेश सिंह ने कहा कि कोर्ट ने अपने 21 जनवरी 2021 के आदेश में गंगा जल की शुद्धता, एसटीपी और ड्रेनेज में सुधार के लिए कहा था। इस पर अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट के पिछले आदेश की अनुपालन रिपोर्ट हलफनामे के जरिये समक्ष प्रस्तुत की। कोर्ट ने उसे रिकॉर्ड पर लेते हुए पूछा कि गंगा जल के शुद्धिकरण मामले में क्या किया गया। महाधिवक्ता को पक्ष रखने का आदेश दिया गया था, वह कहां हैं। बताया गया कि वह बाहर हैं। कोर्ट ने सुनवाई स्थगित करते हुए शुक्रवार को महाधिवक्ता को पक्ष रखने के लिए कहा है।

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