इलाहाबाद (मानवी मीडिया) हाईकोर्ट ने गंगा प्रदूषण मामले में जिम्मेदार अफसरों पर गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अफसर गंगा की सफाई नहीं कर पा रहे हैं या करना ही नहीं चाहते। कोर्ट ने सरकार का पक्ष रखने के लिए महाधिवक्ता को बुलाया है। बीते एक नवंबर को कोर्ट ने विभिन्न विभागों के हलफनामों में विरोधाभास को देखते हुए महाधिवक्ता को सभी की तरफ से एक हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट पक्ष रखने का आदेश पारित किया था। अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह सरकार का पक्ष रखने आए तो सुनवाई टालते हुए कोर्ट ने कहा महाधिवक्ता स्वयं आएं। साथ ही शुक्रवार छह जनवरी को पुन: सुनवाई की तिथि तय की है। याचिका पर अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव सुनीता शर्मा व शैलेश सिंह ने पक्ष रखा। इनका कहना था कि कल छह जनवरी से माघ मेला शुरू हो रहा है। कोर्ट के आदेश के बावजूद गंगा में स्नान के लिए पर्याप्त पानी नहीं है। गंगा का पानी गंदा है और श्रद्धालु मेला क्षेत्र में आ चुके हैं। अधिकारी कोर्ट आदेश का पालन नहीं कर रहे। पॉलिथीन बैन की खानापूरी की गई है। नालों का गंदा पानी सीधे गंगा में जा रहा है।
इलाहाबाद (मानवी मीडिया) हाईकोर्ट ने गंगा प्रदूषण मामले में जिम्मेदार अफसरों पर गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अफसर गंगा की सफाई नहीं कर पा रहे हैं या करना ही नहीं चाहते। कोर्ट ने सरकार का पक्ष रखने के लिए महाधिवक्ता को बुलाया है। बीते एक नवंबर को कोर्ट ने विभिन्न विभागों के हलफनामों में विरोधाभास को देखते हुए महाधिवक्ता को सभी की तरफ से एक हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट पक्ष रखने का आदेश पारित किया था। अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह सरकार का पक्ष रखने आए तो सुनवाई टालते हुए कोर्ट ने कहा महाधिवक्ता स्वयं आएं। साथ ही शुक्रवार छह जनवरी को पुन: सुनवाई की तिथि तय की है। याचिका पर अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव सुनीता शर्मा व शैलेश सिंह ने पक्ष रखा। इनका कहना था कि कल छह जनवरी से माघ मेला शुरू हो रहा है। कोर्ट के आदेश के बावजूद गंगा में स्नान के लिए पर्याप्त पानी नहीं है। गंगा का पानी गंदा है और श्रद्धालु मेला क्षेत्र में आ चुके हैं। अधिकारी कोर्ट आदेश का पालन नहीं कर रहे। पॉलिथीन बैन की खानापूरी की गई है। नालों का गंदा पानी सीधे गंगा में जा रहा है।